केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ बड़ी संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। शुक्रवार को किसान आंदोलन का 16वां दिन है और बीते दिनों से किसान सरकार से कानूनों को रद्द किए जाने की मांग कर रहे हैं। किसानों के आंदोलन के बीच जनता को नए कृषि कानूनों के फायदे बताने के लिए खुद बीजेपी मैदान में उतरी है। पार्टी शुक्रवार से देश में 700 चौपालों का आयोजन करेगी। किसान नेताओं और सरकार के मंत्रियों के बीच कम से कम पांच दौर की बातचीत हो चुकी है। हालांकि, गृह मंत्री अमित शाह से बैठक के बाद किसानों को प्रस्ताव भेजा गया था, जिन्हें उन्होंने खारिज कर दिया। वहीं, दूसरी ओर किसान आंदोलन पर कोरोना वायरस का साया पड़ने लगा है। दरअसल, सिंघु बॉर्डर पर तैनात दो पुलिसकर्मी पॉजिटिव पाए गए हैं। किसानों ने ऐलान किया है कि उनका आंदोलन और तेज होने वाला है। आने वाले दिनों में वे देश में विरोध प्रदर्शन करेंगे और कई हाईवे को ब्लॉक करेंगे। किसानों के आंदोलन के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार किसानों से और बातचीत करने के लिए तैयार है। इसके साथ ही, उन्होंने किसानों से आंदोलन को खत्म करने की अपील भी की है।
भारतीय किसान यूनियन के ऋषि पाल सिंह ने कहा कि आज तक PM की मन की बात पूरी जनता ने सुनी,लेकिन आज जब जन का नंबर आया तो वो हमारी बात सुनने को तैयार नहीं हैं। किसान MSP में लिखित कानून की गारंटी की ही मांग कर रहा है लेकिन सरकार इस पर पता नहीं क्यों गुमराह करने में लगी हुई है।
- पंजाब: किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी का दूसरा जत्था अमृतसर से कुंडली बॉर्डर के लिए रवाना हुआ। किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के महासचिव ने बताया, “करीब 50,000 किसान-मज़दूर कुंडली बॉर्डर की ओर जाएंगे।”
- भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार और किसान दोनों को पीछे हटना होगा, सरकार कानून वापस ले और किसान अपने घर चला जाएगा।
दिल्ली पुलिस ने बताया है कि किसान आंदोलन में लगे दो पुलिस कर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने कहा, ”एक डीसीपी और एक एडिशनल डीसीपी जोकि सिंघु बॉर्डर पर तैनात थे, वे दोनों कोरोना संक्रमित मिले हैं।” - केंद्र के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन का आज 16वां दिन है। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने गुरुवार को कहा था कि सरकार किसानों से फिर से बातचीत करने के लिए तैयार है।
केंद्र सरकार के कानून में कुछ संशोधन करने, एमएसपी और मंडी व्यवस्था जैसे मुद्दों पर लिखित आश्वासन अथवा स्पष्टीकरण देने के प्रस्ताव को ठुकराते हुए किसान यूनियनें इन नए कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़ी हैं। खाद्य, रेलवे और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ संवाददाताओं को संबोधित करते हुए तोमर ने कहा कि वह अब भी वार्ता के जरिए समधान निकलने को लेकर आशान्वित हैं। कृषि मंत्री ने कहा, ”सरकार किसानों से आगे और वार्ता करने को इच्छुक और तैयार है.. उनकी आशंकाओं को दूर करने के लिए, हमने किसान यूनियनों को अपने प्रस्ताव भेजे हैं। हमारी उनसे अपील है कि वे जितना जल्द से जल्द संभव हो वार्ता की तिथि तय करें। अगर उनका कोई मुद्दा है, तो उस पर सरकार उनसे वार्ता को तैयार है।”
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आदर्श कुमार
संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ