उत्तर प्रदेश में एक तरफ राज्यसभा की 10 सीटों के लिए 27 फरवरी को वोटिंग होगी तो वही आज निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में खाली हो रही विधान परिषद की 13 सीटों के लिए भी चुनाव की तारीख घोषित कर दी है। उत्तर प्रदेश में खाली हो रही विधान परिषद की 13 सीटों के लिए 4 मार्च को अधिसूचना जारी होगी।
नामांकन का अंतिम दिन 11 मार्च होगा जबकि नामांकन पत्रों की जांच 12 मार्च को होगी । वहीं नाम वापसी 14 मार्च तक हो सकेगी। 13 सीटों के लिए वोटिंग 21 मार्च को होगी । और वोटो की गिनती भी उसी दिन होगी।
जिन तेरा विधान परिषद के सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है उनमें सबसे ज्यादा संख्या बीजेपी के सदस्यों की है भाजपा के 10 एमएलसी का कार्यकाल 5 में को खत्म होगा उनमें डॉ महेंद्र सिंह मोहसिन राजा अशोक कटारिया अशोक धवन बुक्कल नवाब यशवंत सिंह विजय बहादुर पाठक विद्यासागर सोनकर डॉक्टर सरोजनी अग्रवाल और निर्मला पासवान शामिल है
जबकि अपना दल सक एमएलसी आशीष पटेल और समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल का भी कार्यकाल समाप्त हो रहा है वहीं बसपा के एकमात्र विधान परिषद सदस्य भीमराव अंबेडकर का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है और इन्हीं सीटों पर वोटिंग होगी।
उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की 13 सीटों पर 21 मार्च को वोट डाले जाएंगे। 5 मई को जिन सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है उनमें बसपा के एकमात्र विधान परिषद सदस्य भीमराव अंबेडकर की सीट भी है।जाहिर है बसपा के पास अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए पर्याप्त संख्या बल नहीं है। केवल एक विधायक विधानसभा में है । ऐसे में बसपा का कोई भी सदस्य विधान परिषद नहीं पहुंच पाएगा। इस सीट पर भी बीजेपी आसानी से अपने उम्मीदवार को जीत दिला लेगी। इस चुनाव में बसपा उम्मीदवार जीतना बेहद मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में कांग्रेस की ही तरह बीएसपी भी विधान परिषद में शून्य हो जाएगी।
एमएलसी चुनाव में एक प्रत्याशी को जीतने के लिए 33 विधानसभा सदस्यों के वोट की आवश्यकता होगी। 13 सीटों पर अगर 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरेंगे तो फिर सबका निर्विरोध निर्वाचन हो जाएगा। फिर वोटिंग की नौबत नहीं आएगी। लेकिन अगर 13 सीट पर 14 उम्मीदवार उतरेंगे तो फिर चुनाव होगा। इस आंकड़े के अनुसार भाजपा और उसके सहयोगी दल 9 सदस्य आसानी से जिता लेंगे। जबकि 10 वें उम्मीदवार के लिए उसे कुछ अन्य वोटों की भी जरूरत पड़ेगी। जबकि सपा आसानी से 3 सीट पर जीत हासिल कर लेगी। और चौथे उम्मीदवार को जिताने के लिए उसे कुछ अन्य वोट का जुगाड़ करना पड़ेगा।