सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं पर विपक्ष पर भाजपा ने किया पलटवार, कहा- राजस्थान में क्‍यों नहीं हुई किसी की गिरफ्तारी

हालिया सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को लेकर विपक्ष की ओर से सरकार पर सवाल उठाने को लेकर भाजपा ने तगड़ा पलटवार किया है। भाजपा अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि रामनवमी के अवसर पर भाजपा शासित राज्यों में भी कुछ वाकए हुए लेकिन वहां कानून व्यवस्था बहाल हो गई जबकि राजस्थान में अब तक एक भी गिरफ्तारी नहीं की गई है। वहीं भाजपा प्रवक्‍ता गौरव भाटिया ने कहा कि राजस्‍थान में कांग्रेस की सरकार है लेकिन वहां उपद्रवियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
भाजपा प्रवक्‍ता गौरव भाटिया ने कहा कि आज कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने एक संयुक्त अपील की है लेकिन यह अपील कांग्रेस और विपक्ष के इरादों की तरह ही फर्जी है। आज लोग आपसे (कांग्रेस) पूछ रहे हैं कि करौली हिंसा के मुख्य आरोपी को 14 दिन बाद भी गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक भाजपा प्रवक्ता ने यह भी कहा कि राजस्थान में कांग्रेस सत्ता में है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है जबकि एमपी में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया (BJP spokesperson Gaurav Bhatia) ने कहा कि यह बहुत दुख की बात है कि आप विपक्ष (कांग्रेस) में होते हुए भी आग लगाने का काम करते हैं। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने सोनिया गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी वोट बैंक की राजनीति के लिए दशकों से घृणा फैला रही है। कांग्रेस ने वोट बैंक की पालिटिक्‍स के लिए देश की संस्कृति को नष्ट करने का काम किया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस और विपक्ष दलों पर हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस और विपक्ष अपनी हार न देखकर सरकार पर अनाप-शनाप आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस वर्षों तक सत्ता में रहे। इनकी सरकारों में रिकार्ड दंगे हुए हैं। अकेले राजस्थान में बीते एक साल के दौरान दंगों की 60 घटनाएं हुई हैं। सोनिया गांधी ने इन घटनाओं पर 60 सेकेंड भी नहीं बोला। केरल में आरएसएस कार्यकर्ता की मौत पर अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के शासन वाले राज्य शांति से राज्य नहीं चला पा रहे हैं।
उल्‍लेखनीय है कि विपक्ष के 13 नेताओं ने शनिवार को हालिया सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को लेकर गंभीर चिंता जताई। इन नेताओं ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। साथ ही सरकार पर भी सवाल उठाया। संयुक्त बयान में 13 विपक्षी दलों ने कहा है कि दुख की बात है कि आस्था, त्योहारों और भाषा जैसे मुद्दों का इस्तेमाल समाज का ध्रुवीकरण करने के लिए किया जा रहा है। हम जहरीली विचारधारा से मुकाबले करने के लिए अपने संकल्प को दोहरा रहे हैं।