अर्थव्यवस्था की गंभीर होती हालत को लेकर सरकार पर लगातार निशाना साध रहे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि भाजपा सरकार ने सुनियोजित तरीके से असंगठित क्षेत्र के कारोबार को तबाह किया है। नोटबंदी, त्रुटिपूर्ण जीएसटी और लॉकडाउन को असंगठित क्षेत्र के लिए काल बताते हुए उन्होंने कहा कि बड़े बिजनेस को प्रोत्साहित करने की कीमत पर छोटे कारोबार-व्यापार पर आक्रमण किया जा रहा है।
ज्वलंत मुद्दों पर अपनी वीडियो श्रृंखला के तहत राहुल गांधी ने सोमवार को अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति पर जारी अपने संक्षिप्त वीडियो में यह बात कही। उनका कहना था कि 2008 में जबरदस्त आर्थिक तूफान आया पूरी दुनिया में आया जिसमें अमेरिका, जापान, चीन और यूरोप में सभी जगह एक के बाद एक कंपनियों और बैंकों के बंद होने की लाइन लग गई। मगर भारत में ऐसा कुछ नहीं हुआ। यूपीए सरकार के इस दौर में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से जब उन्होंने भारत के इस हालात से बचने की वजह पूछी तो मनमोहन सिंह ने बताया कि इसकी वजह हमारी अर्थव्यवस्था का दोहरा स्वरूप है। पहली असंगठित अर्थव्यवस्था और दूसरी संगठित अर्थव्यवस्था।
मनमोहन सिंह ने कहा था कि जिस दिन तक असंगठित क्षेत्र मजबूत है, उस दिन तक भारत को कोई भी आर्थिक तूफान छू नहीं सकता। लेकिन भाजपा सरकार ने बीते छह साल में असंगठित क्षेत्र की व्यवस्था पर आक्रमण किया है। राहुल ने कहा कि नोटबंदी, गलत जीएसटी और लॉकडाउन इसके तीन बड़े उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि यह नहीं मानना चाहिए कि लॉकडाउन के पीछे सोच नहीं थी। इन तीनों का लक्ष्य हमारे असंगठित क्षेत्र को खत्म करने का है।
राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री को सरकार चलाने के लिए मार्केटिंग और मीडिया की जरूरत है, जिसे 15-20 लोग संचालित करते हैं। असंगठित क्षेत्र में लाखों करोड़ों रुपए का धन है जिसको यह लोग छू नहीं सकते। इसीलिए किसानों, मजदूरों, छोटे कारोबारियों-दुकानदारों के लाखों करोड़ रुपये के कारोबार को ये लोग तोड़ना चाहते हैं। इसका नतीजा होगा कि भारत में रोजगार पैदा नहीं होगा, क्योंकि असंगठित क्षेत्र ही 90 फीसद रोजगार सृजन करता है। अर्थव्यवस्था पर नियंत्रण की इस आशंका को लेकर लोगों को आगाह करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आप ही देश को चलाते और आगे ले जाते हैं, लेकिन आपको ठगा जा रहा है और आपको गुलाम बनाने की कोशिश की जा रही है। इस आक्रमण की गंभीरता को पहचानते हुए इसके खिलाफ लड़ना होगा।