पश्चिम बंगाल (West Bengal) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के मुद्दे पर पीछे हटती नजर आ ही है. राज्य की बीजेपी इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि यह भविष्य का विषय है. उन्होंने इस बात की ओर इशारा भी किया कि पार्टी, बंगाल में एनआरसी लागू नहीं करेगी. के अनुसार घोष ने एनआरसी लागू होने से जुड़े सवाल पर कहा कि यह कब होगा और क्या होगा, यह भविष्य की गोद में है.
रिपोर्ट के अनुसार, दिलीप घोष ने जलपाईगुड़ी में पत्रकारों से कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण असम में NRC लागू किया गया था. राजीव गांधी ने कहा कि वे एनआरसी करेंगे. भाजपा ने समझौता नहीं किया और यह अदालत गई. अदालत के आदेश के आधार पर इसे असम में लागू किया गया.’ BJP सांसद घोष ने कहा, ‘अगर देशव्यापी एनआरसी की जरूरत होगी, तो केंद्र सरकार इस बारे में सोचेगी.’ इससे पहले घोष ने हमेशा बंगाल में NRC की वकालत की थी. पिछले नवंबर में तीन विधानसभा उपचुनावों में हार के बाद भी उन्होंने कहा कि हार के लिए NRC को जिम्मेदार ठहराना ‘जल्दीबाजी’ होगी.
NRC पर क्या बोले थे गृह मंत्री अमित शाह इससे पहले एनआरसी के मुद्दे पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘अभी इस पर बहस की कोई जरूरत नहीं है. अभी इस पर कोई बात नहीं हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर पहले ही सब साफ कर चुके हैं. इस पर अभी न ही कैबिनेट में और न ही पार्लियामेंट में कोई चर्चा हुई है.’
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के समय को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, ‘इसे सीएए या एनआरसी से जोड़ना गलत है. हमने 2019 में ही एनपीआर के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया था. ऐसे में ये कहना हम इसे इस समय क्यों लाए, बिल्कुल गलत है.’