भाजपा ने संघ नेतृत्व से मांगे 12 तेजतर्रार प्रचारक, भविष्य में और बढ़ेगा आरएसएस का दबदबा

निकट भविष्य में भाजपा संगठन में संघ का दबदबा और बढ़ेगा। पार्टी नेतृत्व ने संघ नेतृत्व से संगठन में अहम जिम्मेदारी देने केलिए 12 तेजतर्रार प्रचारकों की मांग की है। संघ आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में इसी महीने की 11 से 13 तारीख तक होने वाली उच्च स्तरीय बैठक में भाजपा के अनुरोध पर विचार करेगा। सरसंघचालक की उपस्थिति में होने वाली इस बैठक में संघ के 300 वरिष्ठ प्रचारक हिस्सा लेंगे। संघ सूत्रों के मुताबिक भाजपा विस्तार की संभावनाओं वाले राज्यों के लिए तेजतर्रार प्रचारक चाहती है। पार्टी की निगाहें तेलंगाना, केरल, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु जैसे राज्यों में अपने पैर जमाने पर है।

इसके अलावा पार्टी को केंद्रीय संगठन में भी अहम भूमिका के लिए प्रशिक्षित और तेजतर्रार प्रचारकों की जरूरत है। विजयवाड़ा की बैठक में भाजपा के अनुरोध पर विस्तृत विमर्श के बाद संघ ऐसे प्रचारकों की सूची भाजपा को दे  देगा।

दरअसल संघ के सहयोग से भाजपा ने पूर्वोत्तर के राज्यों के बाद अब पश्चिम बंगाल में अपनी स्थिति बेहद मजबूत कर ली है। चुनावी सफलताओं में जमीनी स्तर पर संघ के प्रचारकों ने इस दौरान अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

त्रिपुरा में तो सुनील देवधर ने अपने दम पर दशकों पुरानी माकपा की सत्ता को उखाड़ फेंका। जबकि लोकसभा चुनाव से पहले संघ के प्रचारकों ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में उल्लेखनीय भूमिका निभाई। अब भाजपा नेतृत्व दक्षिण के अहम राज्यों के लिए अभी से जी जान से जुटने की रणनीति बनाई है। इसी रणनीति को अमली जामा पहनाने के लिए संघ से 12 तेजतर्रार प्रचारकों की मांग की गई है।