भाजपा ने अपने सभी सांसदों को दिया निर्देश, कहा- बजट सत्र के दौरान संसद में उपस्थिति जरूरी

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों को बजट सत्र के दौरान संसद में उपस्थित रहने के लिए कहा है। बताया जा रहा है कि इस दौरान सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी। भाजपा संसदीय दल के कार्यालय सचिव बालासुब्रह्मण्यम कामर्सु ने इसे लेकर संसद के सदस्यों को एक पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि विधायी कार्यों के अलावा महत्वपूर्ण विषयों पर सत्र के दौरान चर्चा होने की संभावना है।

पत्र में कहा गया, ‘संसद के सत्र के दौरान, राष्ट्रपति के अभिभाषण और बजट प्रस्तुति के अलावा, कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होने की संभावना है इसलिए, सदन में आपकी (सांसदों की) उपस्थिति आवश्यक है।’

इसके अलावा सदस्यों से संसद सत्र के दौरान दिल्ली के बाहर कार्यक्रम न करने और सदन में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने का आह्वान किया गया है। सदन की शुरुआत 29 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ होगी। बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा। इसके बाद 15 फरवरी से सात मार्च तक सत्र स्थगित रहेगा और आठ अप्रैल को सत्र का समापन होगा। मानसून सत्र की तरह इस सत्र के दौरान भी COVID प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा।

इससे पहले लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिड़ला से सवाल किया गया था कि क्‍या संसद के सत्र से पहले सांसदों को कोविड वैक्‍सीन लगाई जाएगी… इस पर उन्होंने जवाब दिया था कि हमारे डॉक्‍टरों और वैज्ञानिकों ने टीकाकरण को लेकर व्‍यापक और कड़ी मेहनत की है। जहां तक सांसदों को टीका लगाए जाने का सवाल है तो सरकार इस बारे में फैसला लेगी। सरकार सत्र शुरू होने से पहले सांसदों के टीकाकरण के बारे में दिशा-निर्देश जारी करेगी। इसके अलावा लोकसभा अध्यक्ष ने बताया था कि चूंकि सत्र महामारी के बीच होगा, इसलिए कोविड-19 संबंधी चुनौती है, लेकिन सत्र के दौरान सरकार की ओर से जारी किए गए कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा।

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

-क्यों न्यूज़ मीडिया संकट में है और कैसे आप इसे संभाल सकते हैं

-आप ये इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि आप अच्छी, समझदार और निष्पक्ष पत्रकारिता की कद्र करते हैं. इस विश्वास के लिए हमारा शुक्रिया.

-आप ये भी जानते हैं कि न्यूज़ मीडिया के सामने एक अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है. आप मीडिया में भारी सैलेरी कट और छटनी की खबरों से भी वाकिफ होंगे. मीडिया के चरमराने के पीछे कई कारण हैं. पर एक बड़ा कारण ये है कि अच्छे पाठक बढ़िया पत्रकारिता की ठीक कीमत नहीं समझ रहे हैं.

-द दस्तक 24 अच्छे पत्रकारों में विश्वास करता है. उनकी मेहनत का सही मान भी रखता है. और आपने देखा होगा कि हम अपने पत्रकारों को कहानी तक पहुंचाने में जितना बन पड़े खर्च करने से नहीं हिचकते. इस सब पर बड़ा खर्च आता है. हमारे लिए इस अच्छी क्वॉलिटी की पत्रकारिता को जारी रखने का एक ही ज़रिया है– आप जैसे प्रबुद्ध पाठक इसे पढ़ने के लिए थोड़ा सा दिल खोलें और मामूली सा बटुआ भी.

अगर आपको लगता है कि एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं तो नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें . आपका प्यार द दस्तक 24 के भविष्य को तय करेगा.
https://www.youtube.com/channel/UC4xxebvaN1ctk4KYJQVUL8g

आदर्श कुमार

संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ