उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव के सेकंड फेज के नामांकन की आखिरी तारीख 24 अप्रैल है। ऐसे में बीजेपी टिकट की मारामारी सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है। उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह के द्वारा शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ सेकंड फेस के उम्मीदवारों के नाम के ऐलान को लेकर एक अहम बैठक 5 कालिदास पर की गई। सेकंड फेस की बैठक होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सीधे दिल्ली रवाना हो गए। बीजेपी में टिकट का ऐलान नामांकन के आखिरी 24 घंटे पहले ही हो पा रहा है। पहले फेज के नाम नामांकन के आखिरी दिन ही घोषित हुए।
ऐसा ही लखनऊ से दिल्ली तक नाम के चयन को लेकर दूसरे पर कभी ऐलान होने की संभावना है। फिलहाल निकाय चुनाव के प्रत्याशियों के नाम पर अंतिम मोहर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा या गृह मंत्री अमित शाह ही लगा रहे हैं। अब आगे पढ़ते हैं कि बीजेपी ने परिवारवाद से दूरी बना ली है, सीएम योगी आदित्यनाथ के आवास पर हुई बैठक में फैसला हुआ है।
21 अप्रैल को सीएम योगी आदित्यनाथ के आवास पर यूपी निकाय चुनाव को दूसरे फेस के प्रत्याशियों को लेकर मंथन पूरा हो गया। मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हुई 5 कालिदास मार्ग बैठक में मेयर और जिला मुख्यालय वाली पालिकाओं के अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों के नाम पैनल को दे दिया गया है।
पार्टी दूसरे फेज में भी परिवारवाद दूरी के एजेंडे पर आगे बढ़ेगी
मेयर प्रत्याशियों की सूची पर नेतृत्व की सहमति लेने को प्रदेश अध्यक्ष प्रदेश संगठन मंत्री शनिवार को ही सुबह दिल्ली रवाना हो चुके हैं। दूसरे फेज में कानपुर, मेरठ नगर निगम समेत प्रदेश के 9 मंडलों के 38 जिलों में नगर निकाय चुनाव होने नामांकन की आखिरी तारीख 24 अप्रैल है।
मेरठ, शाहजहांपुर, अलीगढ़, कानपुर नगर, समेत कई अन्य सीटों पर पार्टी के कई जनप्रतिनिधि वह पदाधिकारी अपने परिजनों व रिश्तेदारों के लिए टिकट चाहते हैं। लेकिन पार्टी ने पहले चरण में ही प्रयागराज में मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी की मेयर पत्नी अभिलाषा गुप्ता नंदी का टिकट काटकर परिवारवाद के खिलाफ स्पष्ट संदेश दे दिया है। दूसरे चरण में भी इसी रास्ते पर आगे बढ़ने का फैसला किया गया है।
पहले चरण की तर्ज पर दूसरे चरण में बीजेपी के अधिकांश मेयर प्रत्याशी बदले जाने की संभावना है। शाहजहांपुर नगर निगम में पहली बार चुनाव हो रहा है। ऐसे में वहां एक नया चेहरा आना है, यहां चेहरा कौन होगा, इस पर शीर्ष नेतृत्व फैसला करेगा। इसके अलावा कानपुर, मेरठ, अलीगढ़, गाजियाबाद, अयोध्या समेत अन्य स्थानों पर भी चेहरे बदले जा सकते हैं।