देश की राजधानी दिल्ली में सियासी रण के लिए मैदान में योद्धा उतर चुके हैं। यहां पर 27 साल से वनवास काट रही भाजपा सत्ता में वापसी के लिए पुरजोर प्रयास कर रही है। इसके लिए न केवल दिल्ली बल्कि गाजियाबाद के सियासी योद्धाओं को भी चुनाव के मैदान में उतारा गया है। इन सियासी योद्धाओं को प्रवासी प्रभारी नाम दिया गया है।
अतुल गर्ग को मिली क्या जिम्मेदारी?
भाजपा ने गाजियाबाद के सांसद अतुल गर्ग को दिल्ली में सह चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी है। वह लगातार दिल्ली में अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की जीत के लिए पार्टी के नेताओं के साथ रणनीति तैयार करने में जुटे हैं। चुनाव को लेकर महत्वपूर्ण बैठकों में शामिल होते हैं। अपने अनुभव वह साझा करते हैं, जिससे कि चुनाव में जीत हासिल करने में मदद मिल सके। भाजपा ने उनको दिल्ली में स्टार प्रचारक भी बनाया है। दिल्ली की कई सीटों पर वैश्य समाज के वोटरों की संख्या अधिक है। ऐसे में वैश्य समाज के वोटरों को साधने की जिम्मेदारी भी अतुल गर्ग के ऊपर है।
नरेंद्र कश्यप को मिली बवाना सीट की जिम्मेदारी
गाजियाबाद के संजय नगर में रहने वाले और उत्तर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार का पदभार संभाल रहे नरेंद्र कश्यप को पार्टी ने बवाना सीट की जिम्मेदारी सौंपी है। बवाना में भाजपा ने रविंद्र कुमार को प्रत्याशी बनाया है।
मोतीनगर में प्रचार करेंगे संजीव शर्मा
गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर हाल ही में उपचुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल करने वाले और गाजियाबाद में भाजपा को लोकसभा चुनाव, विधानसभा चुनाव, निकाय चुनाव, पंचायत चुनाव में पिछले छह सालों में सफलता दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा को पार्टी ने मोतीनगर विधानसभा सीट की जिम्मेदारी सौंपी है।
यह सीट इसलिए भी अहम है, क्योंकि दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री रहे मदनलाल खुराना के बेटे हरीश खुराना को पार्टी ने यहां पर प्रत्याशी बनाया है। पार्टी के लिए इस सीट पर चुनाव जीतना प्रतिष्ठा का सवाल है। संजीव शर्मा को चुनाव लड़ाने के साथ ही चुनाव लड़ने का भी अनुभव है, भाजपा उनके अनुभव का इस्तेमाल इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए कर रही है।
करावल नगर सीट को साधेंगे नंद किशोर गुर्जर
हिंदुत्व के मुद्दे पर मुखर रहने वाले लोनी से निर्वाचित विधायक नंद किशोर गुर्जर को भाजपा ने करावल नगर सीट की जिम्मेदारी सौंपी है।
अजीत पाल त्यागी को रिठाला सीट की जिम्मेदारी
मुरादनगर विधानसभा सीट से लगातार दो बार भारी मतों से जीत हासिल करने वाले विधायक अजितपाल त्यागी को पार्टी ने रिठाला विधानसभा सीट की जिम्मेदारी सौंपी है। रूठों को मनाने के साथ ही गाजियाबाद की तरह चुनावी मैनेजमेंट संभालने की जिम्मेदारी दिल्ली में भाजपा द्वारा आयोजित किए जा रहे सम्मेलनों को सफल बनाने में प्रवासी प्रभारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके अलावा गाजियाबाद में जिस तरह से विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में बूथ जीतो चुनाव जीतो मंत्र से भाजपा ने सफलता हासिल की है। उसी तर्ज पर इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए योजना तैयार कर उसको मुकाम तक पहुंचाने के साथ ही रूठों को मनाने की जिम्मेदारी भी कंधे पर है। अब देखना यह है कि ये सियासी योद्धा दिल्ली विधानसभा के चुनाव में भाजपा की नैया को पार लगा पाने में कितने सफल होते हैं।