भाजपा को पसंद नहीं आया ईश्वरप्पा का राज्यपाल से येदियुरप्पा की शिकायत करना, जानें पार्टी महासचिव ने क्‍या कहा

कर्नाटक के ग्रामीण विकास मंत्री केएस ईश्वरप्पा का मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की कार्यशैली के खिलाफ राज्यपाल वजूभाई वाला को पत्र लिखना भाजपा को पसंद नहीं आया है। पार्टी महासचिव अरुण सिंह ने गुरुवार को कहा कि यह उचित कदम नहीं था। ईश्वरप्पा ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री पर अपने विभाग के मामलों में सीधे हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था।

भाजपा के कर्नाटक मामलों के प्रभारी महासचिव अरुण सिंह ने कहा, ‘अगर किसी मंत्री को समस्या है तो उन्हें मुख्यमंत्री से बात करनी चाहिए। राज्यपाल को पत्र लिखना सही तरीका नहीं है।’ जब उनसे पूछा गया कि इस मामले में पार्टी क्या करने की योजना बना रही है, तो उन्होंने कहा कि हम चर्चा करेंगे और देखेंगे कि क्या करना है। फिलहाल पार्टी का फोकस इस समय एक लोकसभा सीट और दो विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों पर है।

कर्नाटक सरकार के कुछ वरिष्ठ मंत्रियों और विधायकों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री येदियुरप्पा से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की और इस मसले पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने ईश्वरप्पा के कदम को गलत करार दिया। इनमें राजस्व मंत्री आर. अशोक, गृह मंत्री बसावराज बोम्मई, स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर, कृषि मंत्री बीसी पाटिल और सीएम के राजनीतिक सचिव व विधायक एमपी रेणुकाचार्य शामिल हैं।

रेणुकाचार्य ने बताया कि विधायकों की एक बैठक बुलाई जाएगी और वे अरुण सिंह के अलावा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कटील, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। विधायकों ने येदियुरप्पा का समर्थन करते हुए कहा कि वे मुख्यमंत्री के साथ हैं और अगले चुनावों में भी वह ही उनका नेतृत्व करेंगे।

कांग्रेस ने मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के खिलाफ राज्य हाई कोर्ट के एक आदेश और प्रदेश सरकार के एक मंत्री के पत्र को लेकर गुरुवार को कहा कि येदियुरप्पा को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए या फिर उन्हें पद से हटाया जाना चाहिए। पार्टी ने यह भी कहा कि येदियुरप्पा के खिलाफ जांच का आदेश दिया जाना चाहिए।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला ने संवाददाताओं से कहा, ‘हाई कोर्ट ने जो आदेश दिया है, वो गंभीर विषय है। इस मामले में निष्पक्ष जांच तभी हो सकती है जब येदियुरप्पा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें या फिर उन्हें हटाया जाए। कर्नाटक के ग्रामीण विकास मंत्री ईश्वरप्पा ने अपने विभाग के मामले में मुख्यमंत्री पर हस्तक्षेप करने और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। यह भी बहुत गंभीर मामला है।’

कांग्रेस ने कहा कि यदि भाजपा अपने मुख्यमंत्री के खिलाफ कदम नहीं उठाती है तो फिर भ्रष्टाचार के विषय पर बात करने का उसका नैतिक अधिकार नहीं बनता। बता दें कि कर्नाटक हाई कोर्ट ने येदियुरप्पा के खिलाफ आपरेशन कमल मामले में जांच को मंजूरी दी है। उन पर आरोप है कि सरकार बनाने के लिए उन्होंने 2019 में जनता दल (एस) के एक विधायक के बेटे को कथित तौर पर पैसे और मंत्रालय का लालच दिया था।

कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने ट्वीट कहा कि ईश्वरैया द्वारा लगाए गए आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। उन्होंने राज्यपाल से अपील की कि वह प्रदेश सरकार को बर्खास्त करें और कर्नाटक में राष्ट्रपति शासन की संस्तुति करें।