भाजपा ने की चुनाव आयोग से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रचार पर रोक लगाने की मांग की

ममता बनर्जी द्वारा मतदान के दिन पोलिंग बूथ पर धरना देने और प्रेस कांफ्रेंस करने पर भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताई है। भाजपा ने इसे आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए केंद्रीय चुनाव आयोग से आगे के चुनाव प्रचार के लिए ममता बनर्जी को प्रतिबंधित करने और उन्हें तृणमूल कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची से हटाने की मांग की है। इसके साथ ही पार्टी ने तमिलनाडु में सुषमा स्वराज और अरुण जेटली को लेकर आपत्तिजनक बयानबाजी के लिए द्रमुक नेता स्टालिन की उम्मीदवारी निरस्त करने को भी कहा है।

प्रकाश जावडेकर, भूपेंद्र यादव, मुख्तार अब्बास नकवी और अनिल बलूनी के नेतृत्व में भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय चुनाव आयोग से कहा कि मतदान के दौरान वह न सिर्फ नंदीग्राम के पोलिंग बूथ नंबर सात पर धरने पर बैठीं, बल्कि प्रेस कांफ्रेंस को भी संबोधित किया। मतदान के दौरान पोलिंग बूथ के भीतर धरना और उसके 200 मीटर के दायरे में प्रेस कांफ्रेंस करना सीधे-सीधे आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। भाजपा ने इस सिलसिले में जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 126 का हवाला दिया, जिसमें मतदान समाप्ति के 48 घंटे पहले से धरने और प्रेस कांफ्रेस पर रोक का प्रविधान है। भाजपा प्रतिनिधिमंडल का कहना था कि ममता बनर्जी ने धरना और प्रेस कांफ्रेंस कर मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश की। इसके साथ ही यह चुनाव आयोग द्वारा 30 मार्च को नंदीग्राम में लागू की गई धारा 144 का भी उल्लंघन है, जिसके लिए किसी व्यक्ति को दो साल की सजा, जुर्माना या दोनों हो सकता है। साथ ही ममता बनर्जी द्वारा पो¨लग बूथ के 200 मीटर के दायरे में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल भी चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का उल्लंघन है।

भाजपा ने बंगाल चुनाव के बाकी चरणों में अतिरिक्त केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की मांग भी की है ताकि निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न हो सकें। साथ ही भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने डायमंड हार्बर के भाजपा प्रत्याशी दीपक पर गुरुवार को हुए हमले के लिए तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। इस मामले में भाजपा ने राज्य से तत्काल रिपोर्ट तलब करने और दोषी पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने की मांग की है।

भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने द्रमुक नेता स्टालिन द्वारा तमिलनाडु में दिए गए आपत्तिजनक बयान का मामला भी चुनाव आयोग के सामने उठाया। उनका कहना था कि सुषमा स्वराज और अरुण जेटली की मौत के लिए प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराने का स्टालिन का बयान बेबुनियाद, अपमानजनक और गुमराह करने वाला है जो आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। भाजपा ने सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज और अरुण जेटली की बेटी सोनाली जेटली के बयान का हवाला भी दिया, जिनमें दोनों ने स्टालिन के आपत्तिजनक बयान की ¨नदा की थी।