मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र से भाजपा और सपा प्रत्याशी घोषित होने के बाद अब रिश्तों की अग्नि परीक्षा होगी। दरअसल भाजपा प्रत्याशी का मुकाबला मिश्रिख सीट पर उनके चचेरे भाई के ससुर से होगा। मिश्रिख से भाजपा ने मौजूदा सांसद अशोक रावत को फिर प्रत्याशी घाेषित किया है, जबकि सपा ने इस सीट से पूर्व मंत्री रामपाल राजवंशी को पहले से ही प्रत्याशी घोषित कर रखा है।
हरदोई जनपद की राजनीति में रिश्तों के बीच चुनावी मुकाबला पहले भी हो चुका है, लेकिन इस बार रिश्तों की रोचक लड़ाई मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र में है। मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र में हरदोई की तीन विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें बालामऊ, संडीला और बिलग्राम-मल्लावां हैं। इस संसदीय क्षेत्र में सीतापुर जनपद की मिश्रिख और कानपुर जनपद की बिल्हौर विधानसभा सीट भी है।
भाजपा प्रत्याशी अशोक रावत का मुकाबला रिश्ते में ससुर सपा प्रत्याशी रामपाल राजवंशी से है। दरअसल अशोक रावत के ताऊ के बेटे प्रभाष कुमार सांडी से भाजपा विधायक हैं। रामपाल राजवंशी भाजपा विधायक प्रभाष कुमार के ससुर हैं। रामपाल राजवंशी की बेटी निरमा देवी विधायक प्रभाष की पत्नी हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो इस सीट पर राजनीति के साथ रिश्तों का भी मुकाबला है।
पहले भी होते रहे हैं रिश्तों के राजनीतिक मुकाबले हरदोई में रिश्तों के राजनीतिक मुकाबले पहले भी हुए हैं। वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी ऊषा वर्मा का अपनी सगी ननद अनीता वर्मा से मुकाबला था। अनीता तब भाजपा प्रत्याशी थीं। हालांकि जीत ऊषा वर्मा को मिली थी।इसी तरह 2012 के चुनाव में अनीता वर्मा ने अपनी बड़ी भाभी तत्कालीन हरियावां सीट से बसपा विधायक राजेश्वरी का भी टिकट कटवा दिया था और नवसृजित गोपामऊ सीट पर बसपा प्रत्याशी के रूप में लड़ी थीं।इससे पहले 90 के दशक में जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं राजेश्वरी के खिलाफ उनकी ननद अनीता वर्मा के नेतृत्व में ही अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, जो कामयाब रहा था। इतना ही नहीं हरदोई से भाजपा सांसद जय प्रकाश का पूर्व में अपने सगे भाई ओम प्रकाश से मुकाबला हो चुका है।