रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को अपने वियतनाम के समकक्ष जनरल गो शुआन लिच से द्विपक्षीय वार्ता की। यह वार्ता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित की गई थी। इस वार्ता में दोनों शीर्ष नेताओं ने भारत और वियतनाम के बीच दोस्ती व साझीदारी को मजबूत करने को लेकर बात की। इन दोनों देशों के बीच अचानक बढ़े बैठकों की दौर को लेकर अनुमान जताया जा रहा है कि भारत का यह कदम चीन को मजा चखाने के लिए लिया जा रहा है। दरअसल, दक्षिण चीन सागर में चीन के रवैये से वियतनाम भी परेशान है।
माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर के जरिए रक्षा मंत्री ने बताया कि दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाया गया है। उन्होंने लिखा,’ वर्चुअली आयोजित द्विपक्षीय मीटिंग के दौरान वियतनाम के अपने समकक्ष के साथ मेरी वार्ता अच्छी और सफल रही। हमने दोनों देशों के बीच साझीदारी और मित्रतापूर्वक रक्षा सहयोग बढ़ाने के अनेकों तरीकों पर चर्चा की।’
इसके अलावा दोनों देशों के बीच सामरिक और रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने पर भी चर्चा की गई। बता दें कि पिछले कुछ सालों में दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध में तेजी से मजबूती आई है। भारत में ITEC प्रोग्राम के तहत वियतनाम के सैन्य अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके तहत वियतनाम के लिए 70 सीट निश्चित की गई हैं। इसके लिए वियतनाम से अधिकारी हर साल भारत आते हैं। इन्हें सेना, वायु सेना और नौसेना के अलावा कमांडो कार्रवाई का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
पिछले साल भी दोनों देशों के बीच सचिव स्तर की 12वीं शिखर वार्ता आयोजित की गई थी। इसमें रक्षा और अन्य द्विपक्षीय संबंधों को और आगे बढ़ाने का ऐलान हुआ था। फिलहाल दोनों देश रक्षा उद्योग में सहयोग बढ़ाने पर फोकस कर रहे हैं। इसके तहत भारत ने वियतनाम के स्थानीय रक्षा उत्पादन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 600 मिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन भी दी है।
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आदर्श कुमार
संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ