प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बयान देने वाले भाजपा के बीकानेर शहर अल्पसंख्यक मोर्चा जिलाध्यक्ष उस्मान गनी को बुधवार को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। गनी ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा था कि भाजपा नरेंद्र मोदी की अकेले की पार्टी नहीं है।
गनी ने कहा था राजस्थान में भाजपा 25 में से तीन-चार सीट हार रही है। गनी ने यहां तक कहा कि भले ही मोदी प्रधानमंत्री हैं और पार्टी का सबसे बड़ा फेस हैं, मुझे उनका स्टेटमेंट अच्छा नहीं लगा। मोदी को वाहियात बात नहीं करनी चाहिए। कांग्रेस ने गनी के इस बयान को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था। इसके बाद पार्टी हरकत में आई।
पार्टी प्रवक्ता मनीष सोनी ने बताया कि भाजपा प्रदेश अनुशासन समिति के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने गनी को पार्टी का अनुशासन भंग करने के आरोप में भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित किया है। गनी की ओर से न्यूज चैनल पर भाजपा की छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया था। जिसके बाद पार्टी ने गनी के इस कृत्य को अनुशासन भंग करना माना।
मीडिया में गनी ने कहा था कि राजस्थान में भाजपा तीन-चार सीटें हार रही है, बाकी जीत जाएगी। चूरू और बाड़मेर में कॉम्पिटिशन है। उन्होंने चैनल को बताया कि वे बीकानेर में अल्पसंख्यक मोर्चे के अध्यक्ष हैं। इसके बाद भी मैं सत्य को नकारता नहीं हूं, सीधी बात करता हूं। जब पूछा गया कि इसीलिए मोदी ने राजस्थान में जाकर मुसलमान और हिन्दू वाली बात की क्या? इस पर गनी ने कहा, अगर मैं पार्टी को छोड़कर एक मुसलमान होने के नाते कहूं तो अच्छा नहीं लगा उनका ये स्टेटमेंट।
भाजपा से हम जैसे सैकड़ों मुसलमान जुड़े हुए हैं। जब हम जनता में वोट लेने जाते हैं, मुस्लिम से वोट मांगते हैं। तो हमें तकलीफ होती है, मुसलमान पूछता है हमसे कि बताओ तुम्हारे पास क्या उत्तर है। नरेंद्र मोदी इस तरह की बात करते हैं। मैं उनको (मोदी) को भी लिखने वाला हूं कि इस तरह की वाहियात बातें न करें तो बेहतर हैं। भले ही वो प्रधानमंत्री हैं, पार्टी का सबसे बड़ा फेस हैं। पार्टी उनसे चलती है, वो बहुत बड़ा फेस हैं। फिर हम सब पार्टी के कार्यकर्ता है। ये हिन्दुस्तान एक गुलिस्ता है, जिसमें सारे फूल हैं। जिसमें सबको साथ लेकर चलना पड़ेगा। भले ही पार्टी मेरे खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करती है तो इसके लिए मैं तैयार हूं। कांग्रेस आई तो दलित और आदिवासियों का आरक्षण मुसलमानों को दे देगी, मोदी के इस बयान पर गनी ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। आरक्षण चालू रहेगा। ऐसे बयानों के सियासी मकसद है।
गनी को तीन साल पहले अखिलेश प्रताप सिंह के जिलाध्यक्ष कार्यकाल में अल्पसंख्यक मोर्चे का अध्यक्ष बनाया गया था। इसके बाद से वो ही अध्यक्ष थे। अन्य मोर्चों में फेरबदल हुआ। जिलाध्यक्ष भी बदले गए, लेकिन गनी अल्पसंख्यक मोर्चे के अध्यक्ष बने रहे।
गनी ने कहा कि मैं अपने बयान पर अभी भी कायम हूं। मैंने जो कुछ कहा है, वो अपने मन से कहा है। पार्टी के खिलाफ बोला हूं और प्रधानमंत्री के खिलाफ भी बोला हूं तो पार्टी को कार्रवाई करनी थी, उन्होंने कर दी। मुझे कोई दिक्कत नहीं, मैं अपने बयान पर कायम हूं।
अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष हमीद ने कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ इस तरह बोलने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। ये सही हुआ है।