लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र के खुर्दही बाजार स्थित स्टेट बैंक के एटीएम से 39.80 लाख रुपए की चोरी बिहार के एटीएम बाबा गिरोह ने की थी। इसके सरगना छपरा निवासी सुधीर मिश्र उर्फ बुलबुल मिश्रा उर्फ एटीएम बाबा ने अपनी पत्नी रेखा और गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ तीन बार रैकी कर घटना को अंजाम दिया था।
इसका खुलासा सर्विलांस की मदद से हुआ। बदमाशों ने एटीएम में गैस कटर से मशीन काटते वक्त एक दूसरे से लगातार बात की। जिसमें से चार ने करीब 1200-1300 सेकेंड आपस में बात की। नम्बरों का ब्योरा निकला तो पता चला कि यह गिरोह बिहार का है। पुलिस ने इस गिरोह के चार लोगों को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा किया। पुलिस टीम सरगना बुलबुल, पत्नी रेखा समेत फरार नौ आरोपियों की तलाश कर रही है।
जेसीपी क्राइम नीलाब्जा चौधरी के मुताबिक एटीएम बाबा गिरोह के बिहार छपरा निवासी नीरज मिश्र, राज तिवारी, पंकज पांडेय उर्फ लीटर और कुमार भास्कर ओझा को गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों ने बताया कि गिरोह का सरगना सुधीर मिश्र उर्फ बुलबुल है। उसकी पत्नी रेखा मिश्रा के साथ विजय पांडेय उर्फ सर्वेश, भीम सिंह, देवेश पांडेय भी यह काम करते हैं।
पूरा गिरोह एटीएम बाबा नाम से बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ में जाना जाता है। चोरी के नौ लाख रुपए, मोबाइल व घटना में इस्तेमाल कार भी बरामद हुई है। एडीसीपी शशांक सिंह ने बताया कि घटना में अब तक 13 लोगों के शामिल होने की बात सामने आई है। चार लोग एटीएम में मशीन काटने गए और दो गोसाईंगंज में निगरानी कर रहे थे।
एक अहिमामऊ मोड़ पर था। दो बदमाश अपार्टमैंट में रुक कर बीच-बीच में वॉट्सऐप कॉल कर घटना के बारे में पूछते रहे थे। आरोपी देवेश, सर्वेश पांडेय एटीएम इंजीनियर रह चुके हैं। इस वजह से इन्हें कई चीजें पता थीं। वे मशीन खुलने के बाद पर्ची निकाल लेते थे, जिससे पता चलता था कि कितना कैश बचा है।
एटीएम काटने वाले गिरोह ने वारदात को अंजाम देने के लिए करीब एक महीने तक साजिश रची गई थी। डीसीपी साउथ विनीत जायसवाल ने बताया कि आरोपी कुमार भास्कर ओझा ने सिम उपलब्ध कराए थे। आरोपी विजय पांडेय व देवेश पांडेय ने नाका स्थित एक दुकान से तीन मोबाइल खरीदे थे।
पुलिस के मुताबिक मेवात गैंग के शातिर एटीएम काटने में माहिर हैं। दस से 15 मिनट में गैस कटर से एक एटीएम काट देते हैं। गिरोह सबसे पहले अलार्म के तार काटता है। सीसीटीवी पर स्प्रे डालता है और फिर मशीन काटता है। वहीं भीतर रखी पूरी रकम सुरक्षित रहती है।