समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को बिहार की तरह यूपी में भी राजनीतिक बदलाव की उम्मीद है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा के सहयोगी दल उससे खुश नहीं हैं। अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ एक मजबूत विकल्प भी तैयार करने की बात अखिलेश यादव ने कही।
अखिलेश यादव ने कहा बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाजपा से नाता तोड़कर महागठबंधन की सरकार बनाना एक सकारात्मक संकेत है। अखिलेश ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के सहयोगी दल उससे खुश नहीं हैं। सवाल किया कि सहयोगी दलों को आखिर क्या मिल रहा है। एक दिन वे सभी भाजपा का साथ छोड़ जाएंगे। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी भाजपा के सहयोगी दल हैं
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का विकल्प तैयार करने में सपा की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर यादव ने कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार विकल्प तैयार करने पर काम कर रहे हैं। इस वक्त हमारा ध्यान उत्तर प्रदेश में पार्टी को मजबूत करने पर है।
वर्ष 2019 में सपा, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव साथ मिलकर लड़ा था। बसपा को 10 और सपा को पांच सीटें मिली थी, जबकि रालोद का खाता नहीं खुल सका था। गत जून में रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव हारने के बाद सपा की सीटों की संख्या घटकर तीन रह गयी है।
पार्टी संगठन को मजबूत करने के सवाल पर सपा अध्यक्ष ने कहा कि उनका पूरा ध्यान पार्टी को मजबूत करने पर है और इसी साल दल का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि पार्टी का सदस्यता अभियान चल रहा है और उसे अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।
सपा अध्यक्ष ने बताया कि इस बार यह अभियान मोबाइल ऐप्लीकेशन के जरिये चलाया जा रहा है। इस साल के अंत में होने वाले नगरीय निकाय चुनावों के बारे में सपा अध्यक्ष ने कहा कि इसकी तैयारियां की जा रही हैं और इसके लिए प्रभारियों की नियुक्ति की गयी है।
यूपी में होगा बिहार जैसा बदलाव, अखिलेश यादव बोले- भाजपा के सहयोगी खुश नहीं
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