गुजरात में भाजपा की प्रचंड जीत के साथ ही 14 महीने पहले सरकार में किए गए महाबदलाव का साहसिक निर्णय चर्चा में आ गई है। पार्टी ने सितंबर 2021 में सीएम विजय रूपाणी समेत सभी 22 मंत्री बदल दिए थे। देश में किसी पार्टी ने चुनाव से एक साल पहले सरकार की ऐसी सफाई कभी नहीं की थी। भूपेंद्र पटेल ने जब सीएम पद की शपथ ली तो रूपाणी सरकार का एक भी मंत्री या दिग्गज नई कैबिनेट में नहीं था।
27 साल से सत्ता में काबिज भाजपा ने एंटी इंकम्बेंसी की काट के लिए सभी चेहरे नए कर दिए थे। इनके साथ न तो कोई विवाद था, न कोई चर्चित अतीत। यही नहीं, टिकट वितरण में 182 में भी 103 चेहरे नए थे। 5 मंत्रियों, पूर्व सीएम, डिप्टी सीएम और 38 सिटिंग विधायकों के टिकट काट दिए थे।
गुजरात विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद सीएम भूपेंद्र पटेल शुक्रवार को राजभवन पहुंचे। यहां राज्यपाल को कैबिनेट मंत्रियों के साथ अपना इस्तीफा सौंप दिया।आमूलचूल बदलाव सुपर सक्सेस फॉर्मूला साबित हुआ है। इसके दम पर गुजरात के 60 साल के इतिहास में किसी भी पार्टी को सबसे ज्यादा 156 सीटें देने का रिकॉर्ड और भाजपा ने किसी भी राज्य में 86% सीटें हासिल करने का कीर्तिमान भी अपने नाम कर लिया। बदलाव के समय गुजरात प्रभारी भूपेंद्र यादव ने कहा था कि इस फॉर्मूले को दूसरे राज्यों में भी लागू किया जा सकता है। अब चर्चा इसी बात पर हो रही है कि यह फॉर्मूला मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कहां किस रूप में लागू होगा।