भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने कहा कि अपने शुरुआती सालों में उन्हें अपनी गेंदबाजी में रफ्तार जोड़ने की अहमियत नहीं पता थी. लेकिन एक बार ऐसा करने के बाद उन्हें बल्लेबाजों को परेशानी में डालने वाली स्विंग को बरकरार रखने में मदद मिली. उन्होंने भुवनेश्वर ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की अपनी टीम सनराइजर्स हैदराबाद के ट्विटर हैंडल पर जारी किए गए वीडियो में कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो पहले कुछ सालों में मुझे ऐसा अहसास नहीं था कि गति में भी कुछ जोड़ना जरूरी है.’
भुवी ने आगे कहा, ‘मैंने खेलना जारी रखा और तब मुझे अहसास हुआ कि स्विंग के साथ मुझे अपनी गति में भी सुधार करने की आवश्यकता है क्योंकि 130 किमी प्रति घंटे या उससे कम की रफ्तार से गेंदबाजी करने से बल्लेबाज स्विंग से तालमेल बिठा दे रहे थे. इसलिए मैं गति बढ़ाना चाहता था लेकिन नहीं जानता था कि ऐसा कैसे करना है.’ भुवनेश्वर कुमार ने साल 2012 में पाकिस्तान के खिलाफ टी20 मुकाबले से इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा था. उन्होंने शुरुआत धांसू अंदाज में की थी. उन्होंने पहले ही मैच में चार ओवर के स्पैल में नौ रन देकर तीन विकेट चटकाए थे.
फिर अपने वनडे करियर की पहली ही गेंद पर भी विकेट लिया था. उन्होंने मोहम्मद हफीज को खाता खोलने से पहले ही चलता कर दिया था. इन मैचों से भुवी ने अपनी स्विंग की काबिलियत दर्शा दी थी.
इस 31 वर्षीय गेंदबाज ने अब तक 21 टेस्ट मैचों में 63 विकेट, 117 वनडे में 138 विकेट और 48 टी20 अंतरराष्ट्रीय में 45 विकेट लिए हैं. उन्होंने कहा, ‘सौभाग्य से मैं अपनी गति में सुधार करने में सफल रहा और इससे वास्तव में मुझे काफी मदद मिली. इसलिए यदि आप 140 किमी से अधिक रफ्तार से नहीं लेकिन 135 किमी के आसपास की रफ्तार से भी गेंदबाजी करते हो तो इससे स्विंग बरकरार रखने और बल्लेबाज को परेशानी में डालने में मदद मिलती है.’ भुवनेश्वर चोटों से जूझते रहे हैं और उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप और इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला के लिये टीम में नहीं चुना गया है.