यह पूरा साल हॉरर-कॉमेडी के नाम रहा और इसमें एक और फिल्म जुड़ गई है ‘भूल भुलैया 3’. अनीस बज्मी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में कार्तिक आर्यन, विद्या बालन, माधुरी दीक्षित और तृप्ति डिमरी मुख्य भूमिकाओं में हैं. ‘भूल भुलैया’ ऐसी फिल्म रही है, जिसके दोनों पार्ट बॉक्स ऑफिस पर सफल रहे और 1 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुए इसके तीसरे पार्ट का जादू भी देखने को मिलेगा.
वैसे आज ‘सिंघम अगेन’ भी रिलीज हो गई है और दोनों ही फिल्में शानदार हैं, लेकिन सवाल यह है कि पहले कौन सी देखें. तो इसका बेहद सीधा जवाब यह है कि अगर आपको हॉरर फिल्में पसंद हैं तो पहले ‘भूल भुलैया 3’ देखें और अगर आप एक्शन फिल्मों के शौकीन हैं तो पहले ‘सिंघम अगेन’ जाएं, क्योंकि दोनों ही फिल्मों में कॉमेडी भी भरपूर मात्रा में हैं. इसलिए इसका फैसला आपके ऊपर छोड़ता हूं.
अब बात करते हैं फिल्म की कहानी की. ‘भूल भुलैया 3’ की कहानी 200 साल पहले से जोड़ी गई है, जहां एक महाराज मंजुलिका को जिंदा जलवा देते हैं, जिससे किसी को यह पता नहीं रहता कि मंजुलिका कौन थी, लेकिन सब ये जरूर जानते हैं उस महाराजा का महल मंजुलिका की खौफनाक आत्मा से शापित है. वहीं, वर्तमान में रक्तघाट की शाही वंशज मीरा (तृप्ति डिमरी) को इस बात की बहुत टेंशन रहती है कि इतना बड़ा महल होने के बाद भी उसके परिवार वाले मंजुलिका की आत्मा के डर से तबेले में रह रहा है. इसलिए मीरा और उसके मामा जी रूह बाबा (कार्तिक आर्यन) के पास जाते हैं और उसे रक्तघाट लेकर आते हैं, लेकिन दोनों को यह पता होता है कि रूह बाबा फ्रॉड है, वह लोगों को धोखा देता है, लेकिन इसके पीछे भी एक ट्विस्ट है.
वो ट्विस्ट ये है कि उस शाही महल को मंजुलिका की आत्मा से रूह बाबा ही मुक्त कर सकता है, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि मंजुलिका की आत्मा को महल से उसी घराने का कोई व्यक्ति पूनर्जन्म लेकर आजाद करवा सकता है और रूह बाबा की शक्ल मंजुलिका के भाई और शाही राज राजकुमार से मिलती है और फिल्म में यही एक सरप्राइज दर्शकों को पसंद आ सकती है कि कार्तिक डबल रोल में हैं. इसी बीच हवेली में पुरातत्व विभाग की विद्या बालन और राजसी घराने की रानी माधुरी दीक्षित की एंट्री होती है और फिर शुरू होता है डरावना खेल. क्या रूह बाबा मंजुलिका की आत्मा से शाही महज को आजाद करवा पाएगा? ये जानने के लिए आपको सिनेमाघर जाकर पूरी फिल्म देखनी होगी.
एक्टिंग की बात की जाए तो कार्तिक आर्यन, विद्या बालन, माधुरी दीक्षित, तृप्ति डिमरी के अलावा भी जितने भी स्टार कास्ट हैं सभी ने अपने-अपने किरदार के साथ इंसाफ किया है. वहीं, अनीस बज्मी ने अपने निर्देशन से फिल्म में चार चांद लगाने का काम किया है. हालांकि फिल्म का फर्स्ट हाफ थोड़ा स्लो होने की वजह से बीच-बीच में थोड़ा बोर करता है, लेकिन सेकंड हाफ आते ही फिल्म अपनी रफ्तार में नजर आती है. वहीं, फिल्म के संगीत भी आपको पसंद आने वाले हैं, खासकर फिल्म का टाइटल सॉन्ग. तो मेरे हिसाब से आपको यह फिल्म एक बार पूरे परिवार के साथ देखनी चाहिए. मेरी तरफ से फिल्म 3 स्टार.