भाईदूज आज भी मनाया जाएगा। यह पर्व कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस साल कार्तिक शुक्ल की द्वितीया तिथि 26 और 27 अक्तूबर दोनो दिन की है। गुरुवार को दिन में शुभ मूहुर्त करीब एक घंटा 38 मिनट का रहेगा। ज्यादातर लोग भाईदूज गुरुवार को ही मनाएंगे।
सीतापुर रोड स्थित हाथी बाबा मंदिर के ज्योतिषाचार्य पं. आनंद दुबे ने बताया कि पंचांग के अनुसार द्वितीया तिथि बुधवार 26 अक्तूबर को दोपहर 2:43 बजे से शुरू होकर गुरुवार को दोपहर 12:45 बजे तक रहेगी। बहुत से स्थानों पर लोग उदया तिथि पर पर्व मनाते हैं। ऐसे में जहां पर लोग उदया तिथि को मानते हैं। वहां पर 27 अक्तूबर को भी भाईदूज की पूजा की जाएगी। 27 अक्तूबर को भाईदूज मनाने के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11:07 से दोपहर 12:45 बजे तक ही रहेगा।यम और यमुना परस्पर भाई बहन हैं। बहन को शिकायत रहती थी कि उसका भाई कभी मिलने नहीं आता है। एक दिन अचानक यम अपनी बहन यमुना से मिलने चले गए। तब यमुना ने अपने भाई का टीका किया और उनको श्रीफल (गोला) भेंट किया ताकि भाई को याद रहे कि बहन से मिलने जाना है। तभी से भाईदूज पर भाई द्वारा विवाहित बहन के घर जाने और टीका कराने की परंपरा चल रही है। बहन-भाई द्वारा यमुना में स्नान करने का भी इस दिन विधान है।