बुधवार से गुरुवार के दरमियान 350 लोगों की मौत हुई और 1900 लोग घायल हुए हैं।

दूसरी तरफ, लेबनान से इजराइल पर हमले तेज हो गए हैं। गुरुवार को फिर लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह ने एंटी टैंक मिसाइलें इजराइली क्षेत्र में दागीं। इनमें एक आम नागरिक की मौत हो गई।
हमास के जिन आतंकियों के सरेंडर का दावा किया जा रहा है। उनकी सही संख्या सामने नहीं आ सकी है। यह सरेंडर जाबेलिया इलाके में हुआ है। तस्वीरों में कई लोग सिर्फ अंडर गारमेंट्स में नजर आ रहे हैं और उनके पास सैनिक खड़े हैं। कुछ लोगों ने गाजा के उत्तरी इलाके में भी आत्मसर्मपण किया है। हालांकि, इनकी तस्वीरें सामने नहीं आई हैं।
इन सभी लोगों की आंखों पर पट्टी बांधी गई है और हाथ पीछे की तरफ बंधे हैं। एक फोटो में कथित तौर पर सरेंडर करने वाले लोगों को मिलिट्री ट्रक में देखा जा सकता है। इजराइली डिफेंस फोर्सेस यानी IDF ने अब तक इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया है।
हमास के कब्जे वाले गाजा की हेल्थ मिनिस्ट्री ने गुरुवार रात दावा किया कि इजराइली हमलों में अब तक कुल 17 हजार 177 लोग मारे गए हैं। इसके अलावा 46 हजार लोग घायल हैं।
बुधवार से गुरुवार के दरमियान 350 लोगों की मौत हुई और 1900 लोग घायल हुए हैं।
लेबनान की जमीन से आतंकी संगठन हिजबुल्लाह लगातार इजराइल पर मिसाइल हमले कर रहा है। गुरुवार को मतात इलाके में एेसा ही एक हमला हुआ और इसमें एक इजराइली नागरिक मारा गया। मारे गए इजराइली की उम्र करीब 60 साल थी।
इस हमले के बाद इजराइली एयरफोर्स ने हिजबुल्लाह के ठिकानों पर जबरदस्त हमले किए। हालांकि, उसने यह नहीं बताया कि दक्षिणी लेबनान में किए गए हमलों में हिजबुल्लाह को कितना नुकसान हुआ।
मारे गए सैनिक का नाम एल्नेव एमैनुएल है। उसकी उम्र 22 साल थी। एल्नेव 5 दिसंबर को गाजा में घायल हुआ था। अगले दिन यानी 6 दिसंबर को उसका निधन हो गया। परिवार ने इजराइल के नेशनल ट्रांसप्लांट सेंटर को जानकारी दी कि वो एल्नेव के ऑर्गन्स डोनेट करना चाहते हैं।
एल्नेव का दिल और फेफड़े एक अज्ञात शख्स को लगाए जा चुके हैं। लीवर 53 साल की महिला में ट्रांसप्लांट किया गया। किडनी और पैनक्रियाज 45 साल की महिला को लगाए गए।
शराफी का परिवार गाजा के जाबेलिया शहर के घर में मौजूद था। इसी दौरान इजराइली फाइटर जेट्स ने वहां बम बरसाए। मारे गए परिजनों में शराफी के पेरेंट्स, भाई-बहन और पत्नी शामिल हैं। उनका एक भतीजा और भतीजी भी मारे गए हैं।
शराफी के मुताबिक- हमले के बाद वहां एक बड़ा गड्ढा बन गया। बमबारी की वजह से सिविल डिफेंस का कोई मेंबर वहां नहीं पहुंच सका। हम उन्हें अंतिम विदाई भी नहीं दे सके। घटना बुधवार सुबह की बताई गई है।