गद्दारी तो मेरे साथ हुई, नए आर्मी चीफ को भी ऑफर दिया था : इमरान

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि उन्होंने किसी के साथ गद्दारी नहीं की। सोमवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में पेशी के बाद मीडिया से बातचीत में खान ने कहा- आज मुझ पर गद्दारी के इल्जाम लगाए जा रहे हैं। मेरी पार्टी को तोड़ा जा रहा है। मैंने किसी के साथ गद्दारी नहीं की, सच्चाई ये है कि गद्दारी तो मेरे साथ हुई है।

खान तोशाखाना मामले में सोमवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में पेश हुए। अपनी पिटीशन में कहा- हाईकोर्ट परिसर में मुझे जान का खतरा है। मेरे केसेज किसी दूसरी अदालत (लाहौर हाईकोर्ट) में शिफ्ट कर दिए जाएं। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने उनकी पिटीशन खारिज कर दी
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट या किसी भी हाईकोर्ट में मीडिया की एंट्री पर बैन है। हालांकि, इमरान खान पर शायद ये रूल लागू नहीं होता। पहले की तरह इस बार भी उन्होंने मीडिया से बातचीत की और वो भी कोर्ट रूम में।
एक सवाल के जवाब में कहा- आज मुझे पूरी कौम के सामने गद्दार बताया जा रहा है। मैंने कभी और किसी के साथ गद्दारी नहीं की। गद्दारी तो मेरे साथ हुई। मैं हमेशा एक पेज पर चलता गया (फौज से रिश्तों पर)। हालांकि, कई चीजें गलत हो गईं। पूर्व आर्मी चीफ जनरल बाजवा ने मेरी पीठ में छुरा घोंपा। मैं चाहता तो बाजवा को हटा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया।
खान ने आगे कहा- मैंने बाजवा के साथ दो सीक्रेट मीटिंग्स भी कीं। इसके बाद नया आर्मी चीफ आया तो उसे भी ऑफर दिया। मैं आज भी चाहता हूं कि पाकिस्तान में फेयर इलेक्शन हों। आज देखिए, पाकिस्तान में इन्वेस्टमेंट तक नहीं आ रहे। मुल्क गर्त में जा रहा है।
हालांकि, खान ने यह नहीं बताया कि नए आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर को उन्होंने क्या ऑफर दिया है। दो दिन पहले उन्होंने यूट्यूब चैनल पर कहा था- नए आर्मी चीफ या ISI मुझसे बात ही नहीं करते। पाकिस्तान में फौज के इशारे पर इमरान को हर प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से बैन किया जा चुका है। उनका नाम लेने या छापने तक पर रोक है।
पिछले साल अप्रैल में जब इमरान की सरकार गिरी थी तो उन्होंने एक साइफर (डिप्लोमैटिक लेटर जो एम्बेसेडर अपने देश की फॉरेन मिनिस्ट्री को लिखता है। ये टॉप सीक्रेट होता है।) हर रैली में दिखाया। कहा- अमेरिका के एक डिप्लोमैट डोनाल्ड लू ने जनरल बाजवा के साथ मिलकर मेरी सरकार गिराने की साजिश रची। अमेरिका ने इमरान के आरोपों को बेहूदा करार दिया था।
अब जबकि 9 मई की हिंसा के बाद खान पर फौज और सरकार शिकंजा कस रही हैं तो वो अमेरिकी सांसदों से पाकिस्तान सरकार और फौज पर दबाव बनाने के लिए मदद मांग रहे हैं। इसके कुछ वीडियो भी लीक हो चुके हैं।
सोमवार को इमरान ने कई महीनों की चुप्पी के बाद एक बार फिर अमेरिका पर निशाना साधा। कहा- ये कैसी बात है कि एक मुल्क का एम्बेसेडर मेरी हुकूमत गिराने की साजिश रच रहा था। वो मुझे हटाने को कह रहा था। ये तो पाकिस्तान की तौहीन है। मैंने ये बात पूरी दुनिया को बताई थी।
तस्वीर पिछले साल मई की है। तब इमरान हर रैली में यह कागज दिखाकर दावा करते थे कि उनकी सरकार को अमेरिका के इशारे पर जनरल बाजवा ने गिराया है और इस कागज में इसकी तफ्सील मौजूद हैं। हालांकि, बाद में वो इस आरोप से पलट गए थे।
तस्वीर पिछले साल मई की है। तब इमरान हर रैली में यह कागज दिखाकर दावा करते थे कि उनकी सरकार को अमेरिका के इशारे पर जनरल बाजवा ने गिराया है और इस कागज में इसकी तफ्सील मौजूद हैं। हालांकि, बाद में वो इस आरोप से पलट गए थे।
नई पार्टी पर तंज
9 मई की हिंसा के बाद इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के 100 से ज्यादा नेता पार्टी छोड़कर जा चुके हैं। इनमें से ज्यादातर इस्तहकाम- ए- पाकिस्तान पार्टी (IPP) में शामिल हो चुके हैं। इस पार्टी के चेयरमैन जहांगीर खान तरीन (JKT) हैं। तरीन ने ही 2011 में इमरान की पार्टी बनाई थी। वो पाकिस्तान के सबसे अमीर लोगों में शुमार हैं और कई लोग उन्हें शुगर माफिया भी कहते हैं।

नई पार्टी पर तंज कसते हुए खान ने कहा- इसको बनाया ही इसलिए गया है, ताकि नवाज शरीफ को फायदा हो। इसके जवाब में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने कहा- इमरान के पास अब उतने ही लोग बचे हैं, जितने एक रिक्शे में आ सकते हैं।

जहांगीर खान तरीन और इमरान की यह तस्वीर 2016 की है। तब दोनों बहुत करीबी दोस्त थे। अब तरीन ने इमरान की पार्टी को तोड़ने में सबसे अहम किरदार निभाया है।
जहांगीर खान तरीन यानी JKT वो शख्स हैं, जिनका 2011 में इमरान की पार्टी खड़ी करने में सबसे अहम रोल था। बाद में इमरान ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था। जहांगीर के पास दो प्राईवेट जेट भी हैं।
पिछले हफ्ते एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नई पार्टी का ऐलान करते हुए तरीन ने कहा- हम नई पार्टी शुरू कर रहे हैं। हमारा मकसद आज भी वही है जो पहले था। हम पाकिस्तान को एक बेहतर मुल्क बनाना चाहते हैं। यही वजह है कि इमरान का साथ छोड़ने वाले तमाम नेता आज फिर एक प्लेटफॉर्म पर नजर आ रहे हैं। इस पार्टी का मकसद मुल्क के सोशल, इकोनॉमिक और दूसरे मसले हल करना है।
तरीन ने कहा- PTI को मजबूत बनाने में हमने कई साल तक दिन-रात मेहनत की थी। वहां से हमें धोखा मिला। आज हम नई शुरुआत कर रहे हैं। इस मुल्क के लोग हिम्मत और हौसला रखें, हम उनकी उम्मीदों पर खरे उतरेंगे। आने वाले दिनों में आप देखेंगे कि तमाम और बड़े नेता हमसे जुड़ेंगे।
आरोप है कि पाकिस्तान में शुगर यानी शक्कर के प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन का सारा हिसाब-किताब जहांगीर के इशारों पर ही होता है। इमरान की पार्टी फौज के इशारे पर जहांगीर तरीन ने ही खड़ी की थी। दूसरी पार्टियों के बड़े नेताओं को करोड़ों रुपए में खरीदकर उन्हें तरीन के प्राईवेट जेट्स से इस्लामाबाद लाया गया था। 2017 में जब इमरान को लगा कि तरीन का पार्टी में जबरदस्त असर है तो उन्होंने जहांगीर को झूठे केसेज में फंसाकर पार्टी से ही निकाल दिया।