रूस और यूक्रेन के बीच तनाव और बढ़ता जा रहा है। समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक बेलारूस और रूस ने संयुक्त सैन्य अभ्यास को आगे जारी रखने का फैसला किया है। बता दें कि तय कार्यक्रम के मुताबिक यह सैन्य अभ्यास रविवार को खत्म होना था। इस सैन्य अभ्यास के लिए बड़ी संख्या में रूसी सैनिक बेलारूस पहुंचे हैं। इस सैन्य अभ्यास की सामरिक अहमियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यूक्रेन की उत्तरी सीमा बेलारूस से लगती है।
बेलारूस में रूसी सैनिकों की मौजूदगी से पश्चिमी देश सतर्क हो गए हैं। उन्हें आशंका है कि वे यूक्रेन की राजधानी कीव में घुस सकते हैं। हालिया गतिरोध के बीच रूस और बेलारूस के बीच मजबूत बाडिंग देखने को मिली है। बेलारूस के रक्षा मंत्री विक्टर ख्रेनिन ने रविवार को कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने सुरक्षा बलों का सैन्य अभ्यास जारी रखने का फैसला किया है। जाहिर है रूस और बेलारूस के इस फैसले ने पश्चिमी मुल्कों की आशंकाओं को मजबूती देने का काम किया है।
ब्रिटेन ने चेतावनी दी है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन पर हमला करने के बाद भी शांत नहीं बैठने वाले हैं। ब्रिटेन की विदेश सचिव लिज ट्रस ने कहा है कि यदि पुतिन को नहीं रोका गया तो वह सोवियत संघ के विघटन के बाद अस्तित्व में आए बाकी मुल्कों पर भी हमला कर सकते हैं। इसके साथ ही ब्रिटेन की विदेश सचिव लिज ट्रस ने विश्व समुदाय से गुजारिश की है कि वह एकजुट होकर रूस पर दबाव डालें।
लिज ट्रस ने कहा कि पुतिन की आक्रामकता से बाल्टिक देश खतरे में हैं। पुतिन ऐसा रूस बनाना चाहते हैं जब उसका पूर्वी यूरोप के एक बहुत बड़े भूभाग पर कब्जा हुआ करता था। मालूम हो कि सोवियत संघ के विघटन से पहले यूक्रेन, बेलारूस, मोलदोवा, लिथुआनिया, लातविया, जार्जिया, एस्तोनिया, अजरबेजान, आर्मेनिया, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, तजाकिस्तान, किर्गिज्स्तान और कजाख्स्तान रूस का हिस्सा थे। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी आरोप लगाया है कि रूस यूरोप के सबसे बड़े युद्ध की योजना बना रहा है।