अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद औरतों पर कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं। अब तालिबान के मंत्री ने कहा है कि पब्लिक में औरतों का चेहरा दिखने से उनकी अहमियत कम होती है
उन्होंने कहा है कि मुस्लिम धर्मगुरू भी इस बात से सहमति रखते हैं कि औरतें जब भी घर से बाहर जाएं तो उन्हें अपने चेहरे ढ़ककर रखने चाहिए। उन्होंने कहा- अगर औरतों के चेहरे सार्वजनिक जगहों पर दिखते हैं तो इससे पाप होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।कई बड़े शहरों में महिलाओं का बिना हिजाब दिखना बहुत बुरा है और हमारे विद्वान भी इस बात से सहमत हैं कि महिलाओं के चेहरे छिपे होने चाहिए। आकिफ ने कहा ऐसा नहीं है कि महिलाओं को चेहरे दिखने पर नुकसान पहुंचाया जाएगा।
हालांकि, एक महिला की अपनी अहमियत होती है और आदमी जब उन्हें देखते हैं तो उनकी अहमियत कम हो जाती है। अल्लाह हिजाब वाली महिलाओं को सम्मान देता है और उसका मोल होता है। इंटरव्यू के दौरान आकिफ ने महिलाओं की पढ़ाई पर लगाई गई पाबंदी के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया
आकिफ ने कहा कि हमें अपने काम करने में कोई परेशानी नहीं होती है। लोग शरिया को लागू करवाना चाहते थे। हम सिर्फ शरिया के कानूनों का पालन करवा रहे हैं। हमने अपनी तरफ से कुछ नहीं जोड़ा है। शरिया के ऑर्डर 1400 साल पहले से मौजूद हैं। तालिबान के राज में महिलाओं का शोषण नहीं होता है। जैसे पहले होता था।
उन्होंने बच्चाबाजी और शराब के इस्तेमाल पर भी रोक लगाई है। दरअसल, अफगानिस्तान में लड़कों को लड़कियों के कपड़े पहनाकर नचाने की प्रथा है। इस प्रथा को ‘बच्चाबाजी’ कहा जाता है और इसमें नाचने वालों को ‘बच्चा बेरीश’ कहते हैं। पार्टी में नाचने के बाद कुछ लोग इन लड़कों का यौन शोषण भी करते हैं।
बच्चाबाज़ी से जुड़े कुछ फैक्ट्स
- 10 साल के आस-पास की उम्र के लड़कों को यौन संतुष्टि के लिए बच्चा बेरीश बनाया जाता है।
- अफगानिस्तान में पब्लिक प्लेस पर महिलाओं के डांस पर रोक है, इसीलिए मनोरंजन का साधन बच्चाबाज़ी है।
- लड़कों को पढ़ाई और काम दिलाने का झूठा वादा कर उन्हें इस जाल में फंसा लिया जाता है।
- पढ़ाई और काम की जगह इन बच्चों को लड़की जैसे कपड़े पहनना, मेकअप करना, डांस करना और लोगों का मनोरंजन करना सिखाया जाता है।
- बच्चा बेरीश पर 2009 में एक डॉक्युमेंट्री भी बन चुकी है, जिसका टाइटल ‘दी डांसिंग बॉयज ऑफ अफगानिस्तान’ है।
- डांस के बाद इन बच्चा बेरीशों का पार्टी में आए मेहमानों द्वारा यौन शोषण किया जाता है।
- डॉक्युमेंट्री बनाने वाले फोटोग्राफर बरत अली बतूर ने बताया कि इन पार्टीज से बेरीशों की कोई कमाई नहीं होती।
- अफगानिस्तान की मशहूर कहावत है ‘महिलाएं बच्चे पैदा करने के लिए हैं और लड़के संतुष्टि के लिए’।
- दूसरे देशों में इस तरह का काम एक मानसिक बीमारी माना जाता है। लेकिन अफगानिस्तान पुलिस बच्चाबाज़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती क्योंकि इनके पीछे ताकतवर व्यक्तियों का हाथ होता है।
- अली बतूर ने बताया कि इनमें से कई बच्चा बेरीश हकीकत से बचने के लिए ड्रग्स लेते हैं। हेरोइन लेकर पार्टीज में जाने से बचते हैं, लेकिन इन्हें फिर भी पार्टी में नाचने के लिए ले जाया जाता है।
- तालिबान के आने पर बच्चाबाज़ी बंद हो गई थी लेकिन जैसे-जैसे तालिबान का असर कम हुआ बच्चाबाज़ी वापस लौट आई।