सत्ता छोड़ने से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा झटके देने का सिलसिला जारी है। ट्रंप प्रशासन ने चीन की 60 कंपनियों पर बैन के बाद अब रूस में अमेरिका के शेष दो वाणिज्य दूतावासों को बंद करने का ऐलान किया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कांग्रेस को सूचित किया है कि वह पूर्वी रूसी शहर व्लादिवोस्तोक में वाणिज्य दूतावास को स्थायी रूप से बंद कर देगा। इसके साथ अमेरिका यूराल पर्वत के पूर्व में येकातेरिनबर्ग में वाणिज्य दूतावास के परिचालन को अस्थाई रूप से बंद कर रहा है। इसके पीछे बड़ी वजह साइबर अपराध को माना जा रहा है।
इससे पहले कोरोना महामारी के कारण व्लादिवोस्तोक में वाणिज्य दूतावास को मार्च में अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया था। दूतावास के कर्मचारियों ने अपने संवेदनशील उपकरणों एवं दस्तावेज और अन्य वस्तुओं को निकालना शुरू कर दिया था। बता दें कि व्लादिवोस्तोक और येकातेरिनबर्ग में वाणिज्य दूतावास कुल 10 राजनयिकों के साथ 33 स्थानीय कर्मचारियों की नियुक्त है। अमेरिकी विदेश विभाग का कहना है कि व्लादिवोस्तोक वाणिज्य दूतावास के स्थाई रूप से बंद होने से प्रति वर्ष 3.2 मिलियन अमरीकी डालर की बचत होगी।
विदेश विभाग की नोटिस के मुताबिक अमेरिकी कर्मचारियों को मास्को स्थित अमेरिकी दूतावास में स्थानांतरित किया जाएगा। वाणिज्य दूतावास बंद होने के बाद रूस में अमेरिका की एकमात्र राजनयिक सुविधा मास्को में दूतावास होगी। बता दें कि रूस ने वर्ष 2018 में सेंट पीटर्सबर्ग में अमेरिका के वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश दिया था क्योंकि अमेरिका ने सिएटल में रूसी वाणिज्य दूतावास को ब्रिटेन में एक पूर्व-रूसी जासूस के जहर पर टाइट-फॉर-टेट कार्यों में बंद कर दिया था।
अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक
-क्यों न्यूज़ मीडिया संकट में है और कैसे आप इसे संभाल सकते हैं
-आप ये इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि आप अच्छी, समझदार और निष्पक्ष पत्रकारिता की कद्र करते हैं. इस विश्वास के लिए हमारा शुक्रिया.
-आप ये भी जानते हैं कि न्यूज़ मीडिया के सामने एक अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है. आप मीडिया में भारी सैलेरी कट और छटनी की खबरों से भी वाकिफ होंगे. मीडिया के चरमराने के पीछे कई कारण हैं. पर एक बड़ा कारण ये है कि अच्छे पाठक बढ़िया पत्रकारिता की ठीक कीमत नहीं समझ रहे हैं.
-द दस्तक 24 अच्छे पत्रकारों में विश्वास करता है. उनकी मेहनत का सही मान भी रखता है. और आपने देखा होगा कि हम अपने पत्रकारों को कहानी तक पहुंचाने में जितना बन पड़े खर्च करने से नहीं हिचकते. इस सब पर बड़ा खर्च आता है. हमारे लिए इस अच्छी क्वॉलिटी की पत्रकारिता को जारी रखने का एक ही ज़रिया है– आप जैसे प्रबुद्ध पाठक इसे पढ़ने के लिए थोड़ा सा दिल खोलें और मामूली सा बटुआ भी.
अगर आपको लगता है कि एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं तो नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें . आपका प्यार द दस्तक 24 के भविष्य को तय करेगा.
https://www.youtube.com/channel/UC4xxebvaN1ctk4KYJQVUL8g
आदर्श कुमार
संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ