फियरलेस नाडिया… इस नाम से शायद कम ही लोग परिचित होंगे। ये थीं हिंदी सिनेमा की पहली स्टंट क्वीन। ऑस्ट्रेलिया में जन्मीं नाडिया के पिता ब्रिटिश सेना में वॉलंटियर थे जिन्हें काम के सिलसिले में परिवार समेत भारत आना पड़ा। नाडिया 7 साल की थी कि पहले विश्व युद्ध में जर्मन्स ने उनके पिता की हत्या कर दी। बड़ी हुई तो घर चलाने के लिए उन्होंने सर्कस में काम किया।
पहले नाम मैरी एन इंवास था लेकिन एक ज्योतिष के कहने पर उन्होंने अपना नाम बदलकर नाडिया कर लिया। डांस में माहिर थी तो फिल्मों में भी एंट्री किस्मत से मिल गई। गोरी-चिट्टी, नीली आंखों वाली इस लड़की ने अपनी पहली फिल्म से दर्शकों के दिलों में खास जगह बना ली थी।
वो 60 के दशक में ऐसे स्टंट कर जाया करती थी तो उस वक्त में मेल एक्टर्स करने में हिचकिचाते थे। नाडिया ने लगभग अपनी 50 फिल्मों में बिना बाॅडी डबल के खुद ही सारे स्टंट किए। एक बार छत से कूदीं तो पति होमी वाडिया ने उनका नाम फियरलेस नाडिया नाम रख दिया।
फियरलेस नाडिया का जन्म 8 जनवरी 1908 को पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में हुआ था। उनके पिता स्कॉट्समैन हर्बर्ट इवांस ब्रिटिश सेना में वॉलंटियर थे और उनकी मां मार्गरेट थीं। नाडिया का पहले नाम मैरी एन इवांस था। जब नाडिया एक साल की थीं तो उनके पिता जिस रेजीमेंट में काम करते थे उसका तबादला मुंबई हो गया।
1913 में 5 साल की नाडिया अपनी मां और पिता के साथ मुंबई आ गईं। 1914 से पहले विश्व युद्ध की शुरुआत हो गई थी और दुनिया भर में इसकी वजह से हाहाकार मचा हुआ था। एक साल बाद ही 1915 में नाडिया के पिता की जर्मन्स ने हत्या कर दी, जिसके बाद उनके परिवार को पेशावर जाकर बसना पड़ा।
पेशावर में नाडिया ने घुड़सवारी, मछली पकड़ना और निशानेबाजी सीखी। 20 साल की उम्र में उनकी शादी हुई थी जिससे उन्हें एक बेटा राॅबर्ट जोनस हुआ। इनके पहले पति के बारे में ज्यादा जानकारियां उपलब्ध नहीं है। 1928 में वो फिर अपनी मां और बेटे के साथ मुंबई वापस आकर बस गईं।
नाडिया आर्मी और नेवी स्टोर में बतौर सेल्स गर्ल काम करना चाहती थीं। इस दौरान नाडिया ने कार्ड व्हील्स और स्पिलिट्स की कला में महारत हासिल की, जो बाद में उन्हें फिल्म स्टंट के दौरान काम आई। नाडिया उस समय ऐसे स्टंट्स दिखाती थीं जब लड़कियों का ऐसा करना बहुत बड़ी बात मानी जाती थी।
मुंबई में नाडिया ने मैडम एस्ट्रोवा के अंडर बैली डांस सीखा। नाडिया के डांस स्किल्स को देखकर मैडम एस्ट्रोवा बहुत प्रभावित हुईं और उन्होंने नाडिया को अपने डांस ग्रुप का हिस्सा बना लिया।
नाडिया का जब जन्म हुआ था तो उनका नाम मैरी एन इवांस था। एक बार उनके लिए एक अर्मेनियन ज्योतिषी ने भविष्यवाणी कर दी कि अगर उन्हें अपना करियर सफल बनना है तो उन्हें अपने नाम के आगे ‘एन’ अक्षर से शुरू होने वाला नाम चुनना होगा। ज्योतिष के इस बात के बाद उन्होंने मैरी एन इवांस से नाम बदलकर नाडिया रख लिया।
बैले डांस के अलावा नाडिया ने कई नौकरियां कीं। उन्होंने थिएटर और 1930 में जार्को सर्कस में भी काम किया। सर्कस में लोग नाडिया के स्टंट्स देखकर हैरान हो जाते थे।
कुछ समय बाद नाडिया ने सर्कस में काम करना बंद कर दिया। वजह ये थी कि वो सिर्फ डांस में ही अपना करियर बनाना चाहती थीं। एक दिन नाडिया लाहौर में एक डांस परफॉर्मेंस दे रही थी तभी वहां एक सिनेमा मालिक इरुच कंगा ने जब उनकी परफॉर्मेंस देखी तो वो बहुत प्रभावित हुए। इसके बाद उन्होंने ही नाडिया की मुलाकात वाडिया मूवीटोन प्रोडक्शन हाउस के मालिक जे. बी. एच वाडिया और होमी वाडिया से करवाई।
जे. बी. एच वाडिया, नाडिया की खूबसूरती और निडर स्वभाव से प्रभावित हए। लेकिन उन्होंने नाडिया के सामने शर्त रखी की वो फिल्मों के लिए हिंदी बोलना सीख ले। साथ ही नाडिया की एक्टिंग की काबिलियत चेक करने के लिए फिल्म देख दीपक में कैमियो का रोल दिया।
उस फिल्म में नाडिया ने एक गुलाम का किरदार निभाया था। इसके बाद नाडिया फिल्म नूर-ए-यमन में भी कैमियो में नजर आईं। दोनों ही फिल्मों में उनकी एक्टिंग को लोगों ने बहुत सराहा।
1935 में रिलीज हुई वाडिया प्रोडक्शन हाउस में बनी फिल्म हंटरवाली। इस फिल्म से नाडिया बड़े पर्दे पर लीड एक्ट्रेस के रोल में दिखीं थीं। इस फिल्म नाडिया की निडरता और उनके स्टंट्स को दर्शकों ने बहुत पसंद किया।
इसके बाद नाडिया ने लगभग 50 फिल्मों में काम किया और सभी फिल्मों के स्टंट खुद किए। झूमर से झूलने और चट्टानों से कूदने से लेकर तेज रफ्तार ट्रेन से लड़ने और शेरों से दोस्ती करने तक जैसे स्टंट्स नाडिया इतनी आसानी से कर लिया करती थीं कि उस तरह के स्टंट मेल एक्टर्स भी नहीं कर पाते थे।
नाडिया कई स्टंट परफॉर्म करते समय जान भी दांव पर लगा देती थीं। एक बार फिल्म में एक फाइट सीन था जिसकी शूटिंग के दौरान नाडिया काफी ऊंचाई से नीचे मुंह के बल गिर गई थीं। हालांकि उन्हें चोट बहुत ज्यादा चोट नहीं लगी थी।
एक बार नाडिया के साथ एक और हादसा हुआ था। एक फिल्म की शूटिंग के दौरान वो पानी के तेज बहाव में बह जाने से बहुत मुश्किल से बची थीं।
जब फिल्मों में महिलाएं राजकुमारी या रानी के रोल में नजर आती थीं, तो नाडिया गेम चेंजर के रूप में उभरींं। उनकी पॉपुलैरिटी सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं थी बल्कि ग्रीस, इटली और फ्रांस में भी उनकी एक्टिंग के चर्चे थे।
60 के दशक में नाडिया को इतना स्टारडम मिला कि वो उस वक्त हिंदी सिनेमा की सबसे महंगी एक्ट्रेस बन गईं। उनकी पॉपुलैरिटी इतनी थी कि उस समय के बेल्ट, बैग, जूते और कपड़े के कई ब्रांड्स ने नाडिया का निकनेम हंटरवाली इस्तेमाल किया था।
एक दिन वाडिया प्रोडक्शन के बैनर तले बनी फिल्म की शूटिंग चल रही थी। शूटिंग के दौरान ही नाडिया स्टूडियो सेट की छत से कूद गई थीं। हालांकि उन्हें ज्यादा चोट नहीं आई थी लेकिन इसे देखकर होमा वाडिया ने उन्हें फियरलेस नाडिया नाम दिया।
पहली शादी के खत्म होने के बाद होमा वाडिया से नाडिया को प्यार हो गया था। दोनों ने साथ में कई फिल्मों में एक साथ काम किया था। होमा वाडिया भी उन्हें पसंद करत थे और उनसे शादी करना चाहते थे लेकिन होमा वाडिया के परिवार वाले इस रिश्ते के खिलाफ थे। हालांकि परिवार को मनाने के बाद 1961 में दोनों ने शादी कर ली थी। नाडिया के पहले शादी से हुए बेटे को भी होमा वाडिया ने अपना लिया था।
नाडिया का 88वें जन्मदिन के एक दिन बाद 9 जनवरी 1996 को निधन हो गया। नाडिया ने हिंदी सिनेमा में बहुत योगदान दिया लेकिन उन्हें ताउम्र किसी भी अवाॅर्ड से सम्मानित नहीं किया गया।