BBAU यानी बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में सोमवार को एक बार फिर बवाल हो गया। विश्वविद्यालय परिसर में बड़ी संख्या में छात्र धरने पर बैठ गए। इस दौरान नारेबाजी भी हुई। मामला संघमित्रा छात्रावास से जुड़ा हैं। यहां की एक छात्रा की हालत अचानक से बिगड़ गई। गंभीर स्थिति में उसे राजनारायण लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया। 5 दिन तक उसका इलाज चला। इस दौरान उसे 2 यूनिट ब्लड भी चढ़ाना पड़ा।
इस बीच छात्रा जब डिस्चार्ज होकर हॉस्टल पहुंची तो उसे विश्वविद्यालय के छात्रावास में रहने की इजाजत नही दी गई। आरोप हैं कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा बीमार छात्रा के साथ उसके पिता पर अनावश्यक दबाव डालकर लेटर लिखाकर जबरन घर जाने को कहां गया।
यह खबर जब विश्वविद्यालय के अन्य छात्रों तक पहुंची तो स्टूडेंट्स आक्रोशित हो गए। बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स संघमित्रा छात्रावास के बाहर धरना और प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप हैं कि छात्रावास में पीने का पानी दूषित हैं। यही कारण हैं कि वहां बड़ी संख्या में फीमेल स्टूडेंट्स बीमार हैं। उस स्टूडेंट को भी दूषित पानी के ही कारण परेशानी हुई। छात्रों ने हॉस्टल के खाने को भी घटिया क्वालिटी का बताते हुए खाने लायक नही करार दिया।
छात्रों का आरोप हैं कि इतने दिनों तक इसी समस्या को लेकर स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट कर रहे थे पर विश्वविद्यालय और हॉस्टल प्रशासन ने घोर लापरवाही बरती। और अब बीमार छात्रा के साथ ही बेहद गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाया जा रहा हैं।
प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप था कि 5 दिन तक छात्रा लोकबंधु अस्पताल में भर्ती रही पर उस तक विश्वविद्यालय या हॉस्टल प्रशासन की तरफ से कोई सुध लेने भी नही पहुंचा। केरल से जब बीमार छात्रा के पिता 3 दिन की यात्रा करके लखनऊ पहुंचे तब जाकर उन्होंने छात्रा को डिस्चार्ज कराया। डिस्चार्ज कराने के बाद से विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रावास के प्रभारी बेहद गैर जिम्मेदाराना व्यवहार कर रहे।
छात्रों के प्रदर्शन शुरू होते ही हॉस्टल प्रशासन में भी खलबली मच गई। छात्रों को मनाने के लिए कई प्रयास शुरू हो गए। हालांकि गुस्साए छात्रों ने जमकर नारेबाजी की। बहरहाल देर रात तक प्रदर्शन चलता रहा और छात्र पीड़ित छात्रा को हॉस्टल में रुकने की अनुमति देने की मांग कर रहे थे।
BBAU की प्रवक्ता प्रो.रचना अग्रवाल ने बताया कि विश्वविद्यालय छात्रा पहले से स्वस्थ है और उसे अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका हैं। उसके पिता भी उसके साथ हैं और हीमोग्लोबिन कम होने की वजह से उसे घर जाने की सलाह दी गई है। ताकि वह ठीक से स्वस्थ हो सके। विश्वविद्यालय द्वारा उसकी देखभाल में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है।