बरेली-पूर्वोत्तर रेलवे ने हिंदी साहित्यकार रामवृक्ष विनिपूरी मनाई जयंती

बरेली/यूपी बरेली, 23 दिसम्बर, 2021 : पूर्वोत्तर रेलवे, इज्जतनगर मंडल पर मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के सभाकक्ष में हिंदी साहित्यकार रामवृक्ष बेनीपुरी की जयंती के उपलक्ष्य में मंडल राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक एवं विशेष हिंदी संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ‘संक्रमण काल और कविता’ विषय पर व्याख्यान के लिए प्रसिद्ध कवि एवं व्याख्याता, हिंदी विभाग, बरेली कॉलेज, बरेली के डॉ. राहुल अवस्थी उपस्थित थे।

इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय संबोधन में मंडल रेल प्रबंधक श्री आशुतोष पंत ने कहा कि रामवृक्ष बेनीपुरी हिन्दी साहित्य के शुक्लोत्तर युग के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। उन्होंने गद्य-लेखक, पत्रकार, स्वतंत्रता सेनानी, समाज-सेवी और हिंदी प्रेमी के रूप में अपनी प्रतिभा की अमिट छाप छोड़ी है। रेल ने भी हिंदी को अनेक साहित्यकार और कलाकार दिए हैं, जिन्होंने अपनी प्रतिभा से साहित्य और कला के क्षेत्र में बहुत काम किया है।

इससे पूर्व अपने स्वागत संबोधन में अपर मंडल रेल प्रबंधक (इंफ्रा.) श्री विवेक गुप्ता ने बताया कि इज्जतनगर मंडल राजभाषा प्रयोग के क्षेत्र में अग्रणी बना हुआ है। पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय, गोरखपुर में आयोजित 66वें रेल सप्ताह पुरस्कार वितरण समारोह में इज्जतनगर मंडल को अंतर्मंडलीय राजभाषा कार्यकुशलता शील्ड प्रदान की गई। नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, बरेली से हिंदी के सर्वाधिक प्रयोग और राजभाषा नीति के क्रियान्वयन के लिए प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके साथ ही रेलवे बोर्ड की सामूहिक पुरस्कार योजना के अंतर्गत पूर्वोत्तर रेलवे पर हिंदी का सर्वोत्कृष्ट प्रयोग करने वाले मंडलों में इज्जतनगर मंडल को श्रेष्ठता क्रम में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।

संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ कवि डॉ. राहुल अवस्थी ने ‘संक्रमण काल और कविता’ विषय पर अपने व्याख्यान में बताया कि कोविड-19 संक्रमण काल में हिंदी कविता के क्षेत्र में बहुत बदलाव आया है। इस दौरान न केवल काव्य का विषय बदला, अपितु भाषा शैली और भाव के स्तर पर भी बदलाव देखा गया। कविता में नए प्रयोग किए गए और संक्रमण काल के दौरान प्रचलित अंग्रेजी शब्दों का सहज भाव से प्रयोग किया गया। जैसे-
स्वाइन से मरा है न कोरेने से मरा है।
उसको निमिनिया थी भिगोने से मरा है।
कुर्सी से बड़ा इश्क था बैठा रहा जनाब,
उठा तो वहीं मेज के कोने से मरा है।

उन्होंने बताया कि जब भी देश में संकट या विपत्ति आई, कविता में बदलाव देखा गया। सही अर्थों में सच्ची कविता वही है जो मानवीय भावनाओं को ठीक तरह से प्रकट करें।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए राजभाषा अधिकारी श्री प्रभाकर मिश्र ने मंडल पर हिंदी प्रगति की समीक्षा प्रस्तुत की। इस अवसर पर अपर मंडल रेल प्रबंधक (परिचालन) श्री अजय वार्ष्णेय, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर (समन्वय), वरिष्ठ मंडल वित्त प्रबंधक, मंडल कार्मिक अधिकारी, मंडल सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर सहित अन्य शाखा अधिकारियों ने भाग लिया।