बैंक ऑफ इंडिया की शाखा भीखरपुर(देवीगंज) बैंक कर्मियों की लापरवाही से उपभोक्ता परेशान है। बैंक कर्मचारी इतना मन बढ़ है कि महिला, बुजर्ग,दिव्यांग उपभोक्ताओं से बदसलूकी करने में माहिर है ताजा ही मामला चेक विड्राल फाड़ने व बदसलूकी करने का मामला प्रकाश में आया है,जो कि निंदनीय है।बैंक परिसर में सोशल डिस्टेंसिग की धज्जियां उड़ाई जा रही थी, बैंक परिसर में किसी भी प्रकार का हैंडवास सेनेटाइजर या सोशल डिस्टेंसिग के लिए गोले निर्माण कराया गया,कभी कभी बैंक में पर्याप्त कैश नहीं रहने से ग्राहकों को बैरंग लौटना पड़ रहा है।इससे उपभोक्ताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बैंक में कभी कैश नहीं रहने से तो कभी सर्वर फेल रहने से कभी साहब के न रहने से और न साहब के आने का समय है न जाने का समय है बैंक ग्राहकों को घंटो इंतजार करना पड़ता है। कभी सीमित कैश रहने के कारण तो कभी कैश समाप्त हो जाने से उपभोक्ताओं को बिना भुगतान लिए ही वापस होकर फिर अगले दिन आना पड़ता है। यह सिलसिला एक दिन का नहीं बल्कि रोजमर्रे की है। यदि भुगतान हो भी जाता है तो बैंककर्मी की लापरवाही से पोस्टिंग असंभव हो जाता है। वहीं खाता अपडेट कराने के लिए भी उपभोक्ताओं को लंबा इंतजार करना पड़ता है,कभी प्रिंटर खराब कभी साहब छुट्टी पर है कभी कुछ दूसरा कार्य चल रहा है आदि बहाने बनाकर उपभोक्ताओं को परेशान करते है, ग्राहकों ने इस सारी परेशानियों के संबंध में जब शाखा प्रबंधक से पूछताछ की,तो वह ग्राहक से मिलना तो दूर,उनसे बातें करना भी मुनासिब नहीं समझे बैंक से ऋण लेने के लिए भी उपभोक्ताओं को काफी जद्दोजहद का सामना करना पड़ता है। अगर यही स्थिति बनी रही तो स्थानीय बैंक उपभोक्ता बैंक में तालाबंदी करने पर विवश होंगे। ज्ञात हो कि बैंक प्रबंधक एवं कर्मियों के विरुद्ध पूर्व में भी उच्चाधिकारी से दूरभाष के माध्यम से विधिक कार्यवाही की मांग की गई थी लेकिन अबतक कोई विधिक कार्रवाई नहीं हुई है।आज फिर बैंक उपभोक्ता द्वारा दूरभाष पर उच्चधिकारी से आप बीती बताकर कार्यवाही की मांग की है।
नतीजतन बैंककर्मियों की लापरवाही दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है।
इसकी लिखित शिकायत असन्द्रा थानाध्यक्ष शिवकांत त्रिपाठी से कर विधिक कार्यवाही करने की मांग की है।
संवाददाता: अंकित यादव