हिंद महासागर में चीन की बढ़ रही ताकत और बदल रहे शक्ति संतुलन पर बांग्लादेश ने सवाल उठाया है। हिंद महासागर में किसी एक देश का प्रभाव बढ़ने को गलत बताया है। बांग्लादेश ने हिंद महासागर में शांतिपूर्ण, समावेषी और मुक्त आवागमन की पैरवी की है। बांग्लादेश की ओर से यह बयान 17 नवंबर को हिंद महासागर के किनारे के देशों की एसोसिएशन (आइओआरए) की मंत्री स्तर की बैठक से पहले आया है।
बांग्लादेश के विदेश मंत्री डा. एके अब्दुल मोमेन ने मीडिया से बातचीत में कहा, हिंद महासागर को लेकर बहुत से मसले हैं। इससे बहुत से लोग जुड़े हैं। इसलिए इस पर किसी एक देश का प्रभाव नहीं बढ़ना चाहिए। बांग्लादेश का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि 17 नवंबर को होने वाली मंत्रियों की बैठक की वह मेजबानी करेगा। यह बैठक बांग्लादेश की अध्यक्षता में ही होगी। संगठन के 24 साल के इतिहास में बांग्लादेश को पहली बार इस संस्था की दो साल के लिए अध्यक्षता करने का मौका मिला है। जबकि संस्था के उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी श्रीलंका और संयुक्त अरब अमीरात को मिली है।
यह संस्था समुद्री सुरक्षा, व्यापार और निवेश की सुविधाओं, मछली पकड़ने की व्यवस्था, आपदा के समय प्रबंधन, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान, अकादमिक, विज्ञान और तकनीक सहयोग आदि पर नजर रखती है। डा. मोमेन ने कहा कि हम इन सभी बिंदुओं पर समीक्षा करके बराबरी की भूमिका तय करेंगे। मंत्री स्तर की बैठक के विचारणीय बिंदुओं को अंतिम रूप देने के लिए 15-16 नवंबर को सदस्य देशों की अधिकारी स्तर की बैठक होगी।