बांदा: प्रदेश की योगी सरकार के द्वारा पूरे प्रदेश में दबंगों तथा भुमाफियाओं के खिलाफ गैर कानून काम करने पर कार्यवाही करके अपनी सरकार की साफ स्वच्छ छवि जनता के समाने पेस कर रही है।लेकिन उसी सरकार की विधायिका के द्वारा अपने ही मुखिया की छबि को धुलमिल किया जा रहा है।यही नहीं सत्ता की रशमलाई खाने वाली जिला पुलिस प्रशासन तथा नरैनी पुलिस ने भी पीड़ित के ऊपर विधायिका के कहने पर कोई भी कसर बाकी नहीं रखा। मामला यह है कि नरैनी कोतवाली क्षेत्र के नरैनी कस्बे के जवाहर नगर निवासी दिव्यांग बुजुर्ग बुद्धविलाश तिवारी अपने परिवार सहित में पुस्तैनी मकान में रहता हैं। पास में ही वर्तमान भाजपा विधायिका नरैनी ओममणि वर्मा भी रहती हैं।जो दिव्यांग बुजुर्ग का
घर औने पौने दामों में लेने का प्रयास विधायिका के पति द्वारा किया गया। दिव्यांग बुद्धविलाश तिवारी ने आरोप लगाया है कि मना करने पर उनके द्वारा तरह तरह की धमकिया मिलने लगी। तथा 28 जनवरी 2023 को अपने आप को नरैनी विधायिका का कथित प्रतिनिधि बताने वाला ओमप्रकाश पांडेय चार पांच लोगों के साथ उसके घर आकर विकलांगता का मजाक उड़ाते
हुए गाली गलौज करने लगते हैं व जान बूझकर गिरा देते हैं मारपीट करते हैं व जान से मारने की धमकी देकर चले जाने की बात कहकर दिव्यांग बुजुर्ग की पत्नी के साथ भी अभद्रता करते हैं व जान से मारने की धमकी देकर चले जाते है। जब थोड़ी देर बाद दिव्यांग का बेटा उमेश ट्यूशन पढ़ाने के बाद आता है तो वह नरैनी थाना शिकायत दर्ज कराने
पहुंचते हैं तभी दिव्यांग तथा उसके परिवार को बैठा लिया जाता है और फोन पर विधायक प्रतिनिधि ओमप्रकाश पांडेय को बुलाकर तहरीर मांगी जाती है व उल्टा उसके ही परिवार पर ही मुकदमा दर्ज करा दिया जाता है। जबकि वह अपने परिवार सहित पहले सूचना देने पहुंचा था उसकी सुनाई नहीं हुई।अगले दिन दिव्यांग परिवार ने आलाधिकारियों सहित समस्त अधिकारियों को अवगत
करवाया तथा मुख्यमंत्री व प्रधानमन्त्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई फिर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई तब जाकर न्याय पाने के लिए मजबूरी में अशोक लाट पर 7 फ़रवरी से अनशन शुरू कर दिया।
दिनांक 10 फरवरी 2023 को धारा 504, 506 में फर्जी तरीके से नरैनी थाना प्रभारी मनोज शुक्ला ने विधायिका के इशारे
पर अशोक लाट से अमानवीय तरीके से उठाकर जेल भेजा जो कि दिव्यांग उत्पीडन अधिनियम 2016 का सरेआम
उल्लंघन है जिसकी जांच कर नरैनी थाना प्रभारी मनोज शुक्ला को तत्काल प्रभाव से बरखास्त किया जाए साथ ही फर्जी
मुकदमे दर्ज कराने वाले लोगों के खिलाफ़ दिव्यांग उत्पीडन अधिनियम 2016 की सुसंगत धाराओं में आरोपी गणों को जेल भेजा आए।अन्यथा की दशा में समस्त मण्डल के दिव्यांग परिवार उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे जिसकी जिम्मेदारी खुद शासन प्रशासन की होगी।
रिपोर्ट राजकुमार दस्तक 24 न्यूज़ बांदा