इंग्लैंड में द केरला स्टोरी की रिलीज पर रोक, पढ़िए खबर

द केरला स्टोरी को लेकर विवाद अब इंग्लैंड तक पहुंच चुका हैं। फिल्म वहां 12 मई को रिलीज होनी थी। लोगों ने टिकट भी खरीद लिए थे, लेकिन अंतिम मौके पर फिल्म की स्क्रीनिंग रोक दी गई। वहां के कुछ भारतीय लोगों ने कहा कि उनके पास रिफंड का एक मेल आया है।
उस मेल में लिखा है कि ब्रिटिश सेंसर बोर्ड ने फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं दिया, जिसकी वजह से फिल्म की रिलीज टाल दी गई है। सारे वेबसाइट्स से भी टिकट बेचे जाने पर रोक लगा दी गई है। वहां पर फिल्म 31 स्क्रीन्स पर रिलीज होने वाली थी।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए सलोनी नाम की एक महिला ने कहा, ‘बहुत सारे लोगों ने फिल्म देखने के लिए टिकट खरीद लिए थे। स्क्रीनिंग भी 95% फुल थी, लेकिन लास्ट मोमेंट में एक मेल आ गया।
उस मेल में लिखा था- ब्रिटिश बोर्ड ऑफ फिल्म क्लासिफिकेशन यानी BBFC इस फिल्म को एज सर्टिफिकेशन नहीं दे पाई। जिस वजह से हमें आपकी बुकिंग कैंसिल करनी पड़ रही है। आपको हुई असुविधा के लिए हम खेद व्यक्त करते हैं। हम आपका रिफंड भेज रहे हैं।’ सलोनी ने कहा कि उन्होंने फिल्म देखने के लिए 3 टिकट खरीदे थे।
BBFC की तरफ से कहा गया, ‘फिल्म द केरला स्टोरी का सर्टिफिकेशन अभी भी प्रोसेस में है। एज रेटिंग का सर्टिफिकेट मिलते ही फिल्म को UK के थिएटर्स में दिखाया जाएगा।’
UK में फिल्म के डिस्ट्रीब्यूटर सुरेश वरसानी ने निराशा जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें मजबूरी में सभी थिएटर्स मालिकों को फोन करना पड़ा कि वे फिल्म को रिलीज न करें। ब्रिटेन में सेंसर बोर्ड की परमिशन के बिना फिल्म दिखाना गैरकानूनी है।
सुरेश वरसानी ने कहा, ‘मैंने सेंसर बोर्ड को 10 मई को फिल्म से जुड़ी सारी चीजें सबमिट की थी। मैंने फिल्म के तीनों वर्जन (हिंदी, तमिल और मलयालम) सेंसर बोर्ड के सामने रखा था।

10 मई को उन्होंने एक वर्जन देख ली थी, जबकि बाकी दो वर्जन अगले दिन देखी। इस हिसाब से एज सर्टिफिकेशन उसी दिन हो जाना था। जब हमने उनसे सवाल किया तो उनके पास कोई सीधा जवाब नहीं था।’
सुरेश का कहना है कि वो काफी सालों से इस बिजनेस में हैं लेकिन ऐसी सिचुएशन पहली बार फेस कर रहे हैं। सुरेश ने कहा कि सेंसर बोर्ड को एक सर्टिफिकेट देने में तीन दिन से ज्यादा का समय क्यों लग रहा है। यहां तक कि अमेरिका ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और आयरलैंड ने भी फिल्म को हरी झंडी दिखा दी है। सुरेश ने कहा कि उन्हें इसकी वजह से अब तक 40 से 50 लाख रुपए का नुकसान हो गया है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, UK के कुछ हिंदू और जैन संगठनों ने BBFC को खत लिखा है और अनुरोध किया है कि इस मामले का जल्द निपटारा करके फिल्म को रिलीज कर दिया जाए।
द केरला स्टोरी ने भारत में 100 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर लिया है। फिल्म ने रिलीज के नौवें दिन यानी शनिवार को 19.50 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया है। इस तरह फिल्म की कुल कमाई 112.99 करोड़ रुपए हो गई है। करीब 30 से 35 करोड़ में बनी इस फिल्म के आंकड़े चौंकाने वाले हैं।

इसने सलमान खान की फिल्म किसी का भाई किसी की जान के कलेक्शन को सिर्फ 9 दिन में पीछे कर दिया है। किसी का भाई किसी की जान ने अब तक 109.29 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया है। एक बड़ी स्टारकास्ट और बड़े बजट की फिल्म को इतनी आसानी से पछाड़ देना द केरला स्टोरी की उपलब्धि को दर्शाता है।
द केरला स्टोरी फिल्म पर पश्चिम बंगाल में बैन लगा है और तमिलनाडु में थियेटर ऑपरेटर्स ने इसे नहीं चलाने का फैसला किया है। मेकर्स की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया है। शुक्रवार को कोर्ट ने पूछा कि जब पूरे देश में फिल्म चल रही है, तो दोनों राज्यों में इसको लेकर क्या दिक्कत है। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई बुधवार को तय की है।
द केरला स्टोरी की स्क्रीनिंग 12 मई को लखनऊ के लोक भवन में रखी गई थी, जहां उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी कैबिनेट के साथ फिल्म देखी। एक दिन पहले मेकर्स ने योगी से मुलाकात की थी। फिल्म के प्रोड्यूसर विपुल अमृतलाल शाह ने न्यूज एजेंसी से कहा था- योगी जी ने फिल्म को टैक्स फ्री करके हमारा मनोबल ऊंचा किया है।’
द केरला स्टोरी को फिल्ममेकर सुदीप्तो सेन ने डायरेक्ट किया है। फिल्म अपनी कहानी को लेकर विवादों में है। इसकी रिलीज के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक मैटर गया। हालांकि कोर्ट ने फिल्म की रिलीज को रोकने से मना कर दिया। फिल्म की कहानी लड़कियों के कन्वर्जन पर बेस्ड है।

सुदीप्तो ने बातचीत में कहा- एक पॉइंट के बाद मुझे महसूस हुआ कि यह सब एक पैटर्न के तहत हो रहा है। पहले लोगों को डराओ। हिंदू देवी देवताओं को डिसक्रेडिट करो। केरल की एक ऑर्गेनाइजेशन है, जहां 10 लड़कियां बुरे टॉर्चर झेलती थीं। मैंने उनका इंटरव्यू किया।

वहां से मुझे निमिषा, फातिमा का केस समझ में आया। महसूस हुआ कि धर्मांतरण और उसके बाद का सिलसिला सोची समझी साजिश के तहत किया जा रहा है। चूंकि केरल में मुस्लिमों की तादाद सरकार बनाने में अहम रोल प्ले करती है इसलिए इस मसले पर नेताओं और सरकार ने भी कुछ नहीं कहा।