अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों को बलूच कार्यकर्ता ने लिखा पत्र, महिलाओं और बच्चों के जबरन गायब होने के खिलाफ कार्रवाई की मांग

बलूचिस्तान से एक चौकाने वाली खबर सामने आई है। एक बलूच कार्यकर्ता ने एक बड़ी वारदात का खुलासा किया है। उसने 23 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों को एक पत्र लिखा है, जिसमें कार्यकर्ता ने पिछले कई वर्षों में बलूचिस्तान में महिलाओं और बच्चों के जबरन गायब होने के संबंध में तत्काल कार्रवाई का आह्वान किया है।‌
बलूच राष्ट्रीय आंदोलन के मानवाधिकार सचिव नजीर नूर बलूच ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (UNHCR), ह्यूमन राइट्स वाच (HRW) और पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) सहित मानवाधिकार संगठनों को पत्र लिखा। उन्होंने अपने पत्र में की बड़ी वारदात को सामने रखा, जिसमें 22 अप्रैल, 2022 को हुई गिच से महिलाओं और बच्चों के हाल ही में गायब होने का उल्लेख किया। इस घटना के बारे में उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने एक घर पर छापा मारा और दो महिलाओं के साथ हारून बलूच के रूप में पहचाने जाने वाले एक व्यक्ति को जबरन गायब कर दिया।
बलूच ने अपने पत्र में कहा, ‘पिछले दो दशकों से, बलूचिस्तान सबसे खराब मानवाधिकारों के उल्लंघन का सामना कर रहा है। सामूहिक सजा के परिणामस्वरूप, पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा बलूच जनता को दैनिक आधार पर पीड़ित किया जा रहा है।’ उन्होंने आगे कहा कि इन अत्याचारों और मानवाधिकारों के हनन को उजागर करने के लिए, राजनीतिक दलों और बलूचिस्तान के मानवाधिकार संगठनों ने एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वाच जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को स्थितियों को समझाने के लिए कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए हैं।
नजीर नूर बलूच ने पत्र में लिखा कि बलूचिस्तान में जबरन गायब होने की चिंताजनक स्थिति आज एक बड़ा संकट है। नूर बलूच नेशनल मूवमेंट एक राजनीतिक दल है, जो देश में बलूच लोगों के अधिकारों और संप्रभुता के लिए संघर्ष कर रहे हैं।‌ उन्होंने अपने पत्र में आगे जोड़ते हुए कहा, ‘इसने विभिन्न प्लेटफार्मों पर पाकिस्तानी अत्याचारों को उजागर किया है। इन मानवाधिकारों के हनन को उजागर करने के परिणामस्वरूप, अब तक, इसके कई सदस्य जबरन गायब होने के शिकार हो गए। अब हमारे सदस्यों और नेताओं के परिवार इन अत्याचारों के अधीन हैं।’