बहराइच- जीजीआईसी में प्रिंसिपल की अगुवाई में गरीब बच्चियों से प्रवेश पत्र के एवज में की जा रही अवैध वसूली।

बहराइच- पूरा मामला राजकीय गर्ल्स इंटर कॉलेज बहराइच से जुड़ा हुआ है, जहां पर बच्चियों से प्रवेश पत्र के एवज में 40-40 रू0 की अवैध वसूली प्रिंसिपल के संज्ञान में विद्यालय स्टाफ के द्वारा की जा रही है। भारत सरकार जहां एक ओर बच्चों का भविष्य को सुदृढ़ बनाने हेतु *सब पढ़े- सब बढ़े* का नारा दे रही है और विद्यालयों के *कायाकल्प* में अरबों की लागत लगाकर बच्चों में *निशुल्क पुस्तकें,, भोजन व अन्य पठन सामग्री* का वितरण कर रही है तो वही ऐसे *भ्रष्ट कर्मियों* द्वारा *सरकार की मंशा पर फेरा जा रहा है पानी।* जीजीआईसी के प्रिंसिपल किरण देवी से जब दैनिक जागरण कार्यालय से बात किया गया तो प्रिंसिपल द्वारा बताया गया कि ₹40 मेरे संज्ञान में नहीं लिए जाते हैं,, जबकि कक्षा 12 की क्लास टीचर के द्वारा बताया गया कि जो ₹40 लिए जाते हैं,, वह पैसे जो बोर्ड का कार्य देखता है उसके खाते में जाते हैं, इसमें हमारा कोई दोष नहीं है। विद्यालय प्रशासन से जो आदेश मिले हैं हम सिर्फ उसका पालन कर रही हैं। विगत 2 वर्षों से वैश्विक महामारी कोरोना के संकट काल में लगभग- लगभग सभी विद्यालय बंद ही रहे हैं, वहीं जब अब खुले हैं तो बच्चे परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए जी जान लगाकर मेहनत कर रहे हैं,, अब जब बोर्ड परीक्षा सिर पर आ चुकी है तो ऐसे में भ्रष्टाचार की गंगा में डूबे राजकीय गर्ल्स इंटर कॉलेज बहराइच के स्टाफ ने गरीब बच्चियों से रु0 40-40 लेकर उनके आत्मसम्मान को तो ठेस पहुंचाया ही है बल्कि अभिभावकों के हृदय को भी विदीर्ण व झकझोर दिया है। यदि जीजीआईसी में पढ़ने वाली बच्चियों के अभिभावकों के पास इतना अधिक धन ही होता तो क्या वह अपने बच्चियों को किसी अच्छे प्राइवेट कॉलेज में एडमिशन न दिला देते, क्योंकि उनको पता है कि यह भारत सरकार का उपक्रम है और इसमें अच्छी तालीम के साथ पैसे नहीं लिए जाते हैं, किंतु बोर्ड परीक्षा से पूर्व गरीब बच्चियों से अवैध धन उगाही भ्रष्टाचार की चरम सीमा पार कर चुकी है। इस विद्यालय के सभी कर्मियों के विरुद्ध तत्काल प्रभावी व त्वरित कार्यवाही कर आरोपियों को सस्पेंड किया जाना अति आवश्यक प्रतीत होता है।