बदायूं:बिसौली की उन्नति शाक्य ने इंटरमीडिएट परीक्षा में प्रदेश में सातवां स्थान प्राप्त कर जनपद का नाम रोशन किया

बदायूं के शिवाजी शिशु मंदिर इंटर कॉलेज की इंटरमीडिएट की छात्रा रोशनी सिंह ने प्रदेश में सातवां स्थान प्राप्त किया। उन्होंने 500 में से 481 अंक प्राप्त किए हैं। जिले में अव्वल आने वाली रोशनी की इस सफलता से उनके परिवार समेत शिक्षकों और रिश्तेदारों में खुशी का माहौल है। वहीं उन्नति शाक्य ने भी प्रदेश में सातवां स्थान प्राप्त किया है। यह बिसौली के सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज की छात्रा हैं।

रोशनी का परिवार मध्यम श्रेणी से ताल्लुक रखता है। उनके पिता विमल सिंह के पास अपनी कोई खेतीबाड़ी नहीं है। एक ट्रैक्टर-ट्रॉली हैं, जिसे खुद ही किराये पर चलाकर परिवार का भरणपोषण करते हैं। विमल सिंह के एक पुत्री रोशनी व एक पुत्र अंकित है। रोशनी शुरू से ही पढ़ाई में तेज रही हैं। घर के कामकाज में हाथ बंटाने में भी उन्होंने अपनी मां नन्ही देवी का हमेशा सहयोग किया, लेकिन इसका असर अपनी पढ़ाई पर नहीं आने दिया। रोशनी का भाई अंकित 14 साल का है और इसी कॉलेज में कक्षा नौ की पढ़ाई कर रहा है।

रोशनी सिहं ने बताया कि वह इंजीनियर बनकर देश की सेवा कराना चाहती है। अपनी सफलता का श्रेय वह अपने माता-पिता और शिक्षकों को देती हैं। उसने परीक्षा में 96.20 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। खास बात ये है कि उन्होंने किसी ट्यूशन के बगैर यह सफलता हासिल की है। वह कहती हैं कि सभी अभिवाकों को चाहिए के वे बेटा-बेटी में फर्क न करके उन्हें समान शिक्षा दिलाएं।

इंटरमीडिएट में 96.20 अंक पाकर रोशनी सिंह और उन्नति शाक्य ने जिले की टॉप टेन सूची में सबसे ऊपर रहीं।प्रदेश में सातवां स्थान प्राप्त कर जनपद का नाम रोशन करने वाली उन्नति शाक्य का सपना आईएएस बनने का है।

उन्नति कहती हैं कि आज के दौर में समाज को अच्छे और ईमानदार प्रशासक की महती आवश्यकता है। उन्हें बैडमिंटन खेलना बेहद पसंद है। मोबाइल पर समय गंवाना उसे कतई पसंद नहीं है। उन्नति ने आज के युवा वर्ग को सलाह देते हुए कहा कि वे सोशल मीडिया पर समय बर्बाद करने की जगह इसका सदुपयोग कर ज्ञान बढ़ाएं।
उन्नति के पिता जितेन्द्र शाक्य बदायूं गन्ना विभाग में कार्यरत हैं। माता गीता शाक्य शिक्षामित्र हैं। उन्नति के नाना अशोक मौर्य विकासखंड बिसौली से एडीओ पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। जैसे ही रिजल्ट घोषित हुआ तो उन्नति व उसके परिजनों की खुशी का कोई ठिकाना न रहा। पिता ने होनहार बिटिया को मिठाई खिलाकर आशीर्वाद दिया।