आयोजित बैठक में *हक दो साइकिल यात्रा* के तहत दिल्ली जाने वाले पदाधिकारियों का फूल मालाओं से किया गया स्वागत।राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मृदुलेश यादव ने कहा मिड डे मील के रसोइयों को न्यूनतम वेतन मिले।संसदीय समिति में न्यूनतम वेतन देने की सिफारिश लागू की जाए।उत्तर प्रदेश में जनवरी और जून का भी मानदेय मिले।उत्तर प्रदेश बदायूं मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय से संबद्ध राज्यसभा की स्थायी समिति ने मिड डे मील योजना के तहत काम करने वाले रसोइयों को न्यूनतम वेतन देने की सिफारिश की है।ज्यादातर राज्यों में इन रसोइयों को बहुत कम वेतन मिल रहा है।केंद्र सरकार ने 1996 से योजना शुरू की।महंगाई वृद्धि को देखते हुए वर्तमान समय में बहुत कम तनख्वा है।राज्यसभा सांसद सत्यनारायण जटिया की अध्यक्षता वाली समिति ने 15 दिसंबर 2021 को अपनी रिपोर्ट संसद में पेश की थी।इसमें कहा गया कि मिड डे मील में कार्यरत रसोइयों का वेतन हर राज्य में अलग-अलग है।कहीं कम तो कहीं ज्यादा।कहीं तो वेतन ही समय पर नहीं मिलता।बेहतर हो कि इसे एक समान किया जाए।केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करे कि जो न्यूनतम वेतन घोषित है।उतना तो इन्हें मिलना ही चाहिए।अकुशल श्रमिकों के लिए केंद्र का न्यूनतम वेतन 350 रुपये प्रतिदिन है।रसोइयों को दस हजार रुपये प्रतिमाह मिलना चाहिए।केरल में रसोईये 9500 रुपये वेतन पाते हैं।क्या है उत्तर प्रदेश में रसोइयों की स्थिति।जनवरी और जून के महीने में कार्य करने के बावजूद भी नहीं मिलता मानदेय।60 वर्ष से अधिक उम्र की कार्य करने वाली रसोइया से भी काम कराया जा रहा है।खाना पकाने के बाद भी बेगारी काम लिए जातीं हैं रसोइया।6 महीने से अधिक समय के उपरांत मात्र 1 या 2 महीने का मानदेय किया जाता है भुगतान।वर्ष में एक भी आकस्मिक अवकाश नहीं महिलाओं को प्रसूति अवकाश एवं महिलाओं के विशेष अवकाश देय (करवा चौथ अहोई अष्टमी हरतालिका तीज) का नहीं है कोई प्रबंध।कोई स्वास्थ्य परीक्षण नहींमासिक बैठक में शांति देवी महासचिव संगीता शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए पूनम विद्यावती प्रवेश सकीना काजल भूदेवी कामता सुमन चंपा सुनीता,ईश्वर देवी,आशा मुन्नी देवी, जलधारा,संगीता, प्रेमवती, सुशीला,राज दुलारी, मोर कली, रामा देवी, सावित्री, सुकमा, रेशमा, सोमवती, जगबीर, गंगा देवी, रामवती, पीतम,रामप्यारी, सरोज, भगवान देवी, दुर्गेश, नन्ही, मोहनलाल , संगीता, राजपाल, रजनीश, रेखा, शीला, कांति, भूरी, तुलसी, कन्यावती, सीमा, पिंकी, कुसमा, गंगा देवी, भगवान देवी, सर्वेषा, सुषमा, बिमला, राधा, मोरकली, मुन्नी देवी, राम दुलारी , सरस्वती, विठोलादेवी, मानमती, अनेक श्री, रामवती, सोमवती, शरबती, पिंकी, मधुबाला, समेत दर्जनों रसोइया मौजूद रहीं।
द दस्तक24 न्यूज़
रिपोर्ट सचिन बाबू बिसौली बदायूं