आजमगढ़ : सिधारी थाना के हरैया गांव निवासी लाल बहादुर पुत्र जगजीवन राम के अनुसार उनकी पत्नी अनीता देवी की डिलीवरी होनी थी। जब उसे लेबर पेन होने लगा तो भाई करण और मां दिनांक 10 11 2020 को रात्रि करीब 2:00 बजे हॉस्पिटल सिधारी मैं ले गए वहां जाने के बाद अस्पताल के स्टाफ द्वारा पीड़ित की पत्नी को भर्ती कर लिया गया और सीरियस बताते हुए रु 20000 तुरंत जमा कराने को कहा। भाई द्वारा जमा किया गया।चार बोतल ब्लड देने की मांग भी की गई ब्लड दिया भी गया। अस्पताल की नर्स आकर बोली आपका मरीज सीरियस है कुछ और पैसा जमा करो प्रार्थी घबराकर रु 25000 तुरंत जमा किए 1 घंटे बाद लड़की पैदा हुई और अस्पताल के स्टाफ द्वारा मृत बताया गया और स्टाफ द्वारा मरीज को बिना कुछ पूछे डिस्चार्ज करने लगे। जब प्रार्थी द्वारा पूछा गया डॉक्टर साहब ऐसा क्यों कर रहे हैं इसी बात बात को लेकर डॉक्टर साहब ने मुझसे पुन: रु 10000 जमा करने की बात बोला प्रार्थी द्वारा बार-बार मरीज को देखने के लिए आग्रह करते रहे लेकिन हॉस्पिटल के स्टाफ द्वारा मरीज को देखने नहीं दिया गया और हॉस्पिटल के डॉक्टर ने पुलिस बुलाकर मेरे मरीज को मृत घोषित कर जिला अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
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