आजमगढ़। राजनीतिक दलों की ओर से इस बार पंचायत चुनाव में सीधी भागीदारी को लेकर रूचि दिखाने से इस बार का त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव खास बन गया है। फिलहाल यूपी बोर्ड की परीक्षा और पंचायत चुनाव आगे-पीछे होने की संभावना जताई जा रही है। राजनीतिक दल चुनाव लड़ने की बात तो कह रहे हैं, लेकिन चुनाव की घोषणा तक अपनी पूरी तैयारी परख लेना चाहते हैं। चुनाव लड़ने के इच्छुक नेता भी परिसीमन के बाद आरक्षण सूची का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद दावेदारों की असली मशक्कत सामने आएगी।
जनपद में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां जोर शोर से जारी हैं। पिछले साल बनी जहानागंज और बूढ़नपुर नगर पंचायत के साथ ही अजमतगढ़ नगर पंचायत के विस्तार के आधार पर परिसीमन का काम पूरा हो चुका है।परिसीमन में जिला पंचायत सदस्य पद की दो और क्षेत्र पंचायत सदस्य पद की 41 सीटों का अस्तित्व समाप्त हो गया है। वहीं, 14 ग्राम पंचायतों का अस्तित्व भी खत्म हो गया है। परिसीमन का कार्य समाप्त हो गया है। आपत्तियों के निस्तारण का कार्य चल रहा है। सीटों की स्थिति लगभग स्पष्ट होने के बाद अब चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों की नजर अब आरक्षण पर टिकी है। आरक्षण के अनुसार ही उनकी रणनीति तय होगी। हालांकि गांवों में इन लोगों की ओर से जनसंपर्क और मतदाताओं का लुभाने का कार्य भी जारी है फिर भी माना जा रहा है कि आरक्षण के बाद चुनावी संग्राम खुल कर सामने आ जाएगा। जिला पंचायत राज विभाग के अनुसार आरक्षण का निर्धारण इस बार भी वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर होगा। इस डाटा भी निदेशालय की ओर से मांगा जा चुका है। उसी समय की जनगणना में शामिल जातीय आंकड़ों पर इस बार भी आरक्षण का रोटेशन किया जाएगा। नये सिरे से किसी जातीय आंकड़े की मांग शासन की ओर से नहीं की गई है।