आजमगढ़: देश की सियासत में चाणक्य की ख्याति पाने वाले आजमगढ़ के अमर सिंह ने सभी क्षेत्रों में जो कार्य किया है वह अविस्मरणीय है। चाहे सियासत का क्षेत्र रहा हो या फिर फिल्म इंडस्ट्री या फिर देश के बड़े व्यवसायिक क्षेत्र का मामला रहा हो वह इस क्षेत्र के माहिर खिलाड़ी थे। उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में जो कार्य किया उससे वह अपने नाम के अनुरूप ‘अमर’ हो गए। आज वह इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनके पहली पुण्यतिथि पर उनके किए कार्यों की चर्चा हो रही है। यह बातें उनके पैतृक गांव तरवां स्थित चौरी बेलहा महाविद्यालय परिसर में रविवार को आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में वक्ताओं ने कहीं।
वक्ताओं ने कहा कि अमर सिंह का जैसा नाम था वैसा ही गुण था। अमर सिंह ने अपना सियासी सफर तो समाजवादी पार्टी के साथ शुरू किया लेकिन समय समय पर अपने कार्यों और समझदारी से सभी लोगों को अपनी ताकत का एहसास कराया। उन्हें राजनीति में चाणक्य तक कहा गया। देश की तरक्की के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य बहुत जरूरी है और इन दोनों क्षेत्रों के विकास के लिए अमर सिंह ने पूरा ध्यान दिया, खासकर ग्रामीण इलाकों में उन्होंने शिक्षा के छोटे-छोटे संस्थानों को मदद कर इस काबिल बनाया कि वहां के बच्चे शिक्षित होकर राष्ट्र के निर्माण में अपनी भूमिका अदा कर सकें। कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय के प्रबंधक प्रभाकर सिंह, कांग्रेसी नेता प्रवीण सिंह, प्रमुख समाज सेवी प्रवीण सिंह, वीरभद्र प्रताप सिंह, राम बचन सिंह ,रामानंद राजभर आदि ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री प्रकाश सिंह, संचालन डॉक्टर संतोष सिंह ने किया। इस मौके पर राजेश्वर मिश्र, डा. सतीश सिंह प्राचार्य, महेंद्र प्रताप सिंह, रविंद्र सिंह, लालता सिंह, रामगोविंद, रामानंद राजभर, अरविंद सिंह, संदीप सिंह सोनू आदि उपस्थित थे।