आज़मगढ़ :दीपोत्सव के बाद मूर्ति विसर्जन शुरू, पुलिस प्रशासन की दिखी मुस्तैदी, चित्रगुप्त जयन्ती पर विविध कार्यक्रम, कलम दवात की विधि विधान पूर्वक पूजा

आज़मगढ़ : प्रकाश पर्व दीपावली पर शुभ के देवता भगवान श्री गणेश व लाभ की देवी माँ लक्ष्मी की पूजा अर्चना कर भक्तों ने सुख समृद्धि व धन वैभव सब कुछ माँगा। भक्त निहाल हुए और अब ख़ुशी ख़ुशी माँ की विदाई कर रहे हैं। दीपोत्सव पर शहर समेत जिले भर में भगवान् गणेश व माँ लक्ष्मी की करीब साढ़े चार सौ प्रतिमाएं स्थापित हुईं थीं। मंगलवार सुबह से ही मूर्ति विसर्जन का कार्य शुरू हुआ था जो मंगलवार शाम को भी जारी रहा। इस दौरान शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों में पुलिस व पीएसी की भरपूर व्यवस्था रही। हालांकि विसर्जन यात्रा के दौरान कई बार युवाओं के जोश को थामने में पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी। इससे पूर्व रविवार को दीपावली के दिन परमपरागत रुप से पूजन अर्चन कर लोगों ने आतिशबाजी का भी लुत्फ़ उठाया। हालांकि तमाम नियम क़ानून व जागरूकता अभियान के चलते इस बार पटाखों का शोर कुछ कम रहा। वहीं सोमवार को अन्नकूट पूजन मंदिरों में परम्परागत रुप से मनाया गया। मसि कागद छुओ नहीं, कलम गहि नहीं हाथ। कायस्थ समाज के लोगों ने मंगलवार को जब तक भगवान् चित्रगुप्त व कलम दवात की पूजा नहीं कर ली, तब तक उन पर यह पंक्तियाँ सार्थक बैठती नजर आयी। कायस्थ परिवारों में घर घर प्रति वर्ष यम द्वितीया के दिन भगवान् चित्रगुप्त जी महाराज का जन्मोत्सव पूरे धूमधाम के साथ मनाय जाता है। इसी दिन ब्रह्मा जी की काया से भगवान् चित्रगुप्त हाथों में कर्म की किताब, कलम दवात और करवाल लेकर उत्पन्न हुए थे।