आजमगढ़ : सोमवार को पुलिस ऑफिस में झंडा दिवस के अवसर पर पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह द्वारा ध्वजारोहण किया गया। तदुपरांत पुलिस अधीक्षक द्वारा झंडा दिवस पर संबोधित किया गया। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण सिद्धार्थ पुलिस उपाधीक्षक, सीओ सिटी राजेश कुमार तिवारी तथा पुलिस ऑफिस के अन्य अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।मुबारकपुर थाना के प्रांगण में सोमवार को पुलिस झंडारोहण दिवस के अवसर पर थानाध्यक्ष अखिलेश कुमार मिश्रा ने अपने स्टाफ के साथ झण्डारोहण किया। तदुपरांत झंडे को सलामी दी फिर दरोगा, महिला, पुरुष पुलिसकर्मियों को आवश्यक दिशा निर्देश एवं झंडे के उद्देश्यों कि जानकारी दी। श्री मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि जब देश गुलामी के जंजीरों से आजाद हुआ तो देश के आन बान एवं सुरक्षा को ध्यान में रखकर 1952 में प्रथम प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पुलिस विभाग को आज के ही दिन दो कलर के झंडे भेंट किए तभी से पुलिस झंडा दिवस मनाया जाता है। पुलिस के द्वारा अनवरत झंडारोहण आज ही के तारीख में किया जाता है। उन्होंने अपने अधीनस्थों को कानून के गाइडलाइन एवं सुचार रूप समुचित व्यवस्था एवं महिला सुरक्षाकर्मियों को उनके कर्तव्यों के बारे में विस्तार भी विस्तार पूर्वक जानकारी दी। इस अवसर पर वरिष्ठ एसआई देवेंद्र कुमार सिंह, अश्वनी कुमार मिश्रा, राजेंद्र प्रसाद,नागेश चौधरी, विरेन्द्र विश्वकर्मा, शिव गोविन्द यादव,नवीन निश्चल पान्डेय, मनोज कुमार, उपेंद्र यादव,प्रमोद यादव, आफताब आलम ,धर्मेंद्र यादव, आदि लोग झंडारोहण में शामिल थे।अतरौलिया में भी मनाया गया पुलिस झंडा दिवस। पुलिस झंडा दिवस के मौके पर सोमवार सुबह पुलिस अधीक्षक आज़मगढ़ के निर्देश पर थाना प्रभारी दिनेश कुमार यादव द्वारा थाना परिसर में झंडारोहण कर अपने वर्दी पर झंडे का स्टिकर लगाया। वहीं इस मौके पर थाना प्रभारी ने पुलिस कर्मियों को झंडा दिवस पर सपथ दिलाते हुए उसके महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि झंडे का सम्मान करना हम सभी की ज़िम्मेदारी है। झंडा दिवस समारोह के दौरान थाने के उपनिरीक्षक, कांस्टेबल, व महिला कांस्टेबल भी उपस्थित रहे।बता दे कि यूपी पुलिस के इतिहास में 23 नवम्बर का दिन विशेष महत्व रखता है। इस दिन को ‘पुलिस झंडा दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। 23 नवम्बर 1952 के बाद प्रति वर्ष सैनिक कल्याण के लिए झंडे के स्टीकर जारी किए जाते हैं। पुलिस झंडा दिवस यानि प्रति वर्ष 23 नवंबर को पुलिस मुख्यालयों व कार्यालयों, पीएसी वाहिनियों, क्वार्टर गार्द, थानों, भवनों व कैम्पों पर पुलिस ध्वज फहराए जाते हैं। पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा पुलिस ध्वज का प्रतीक (स्टीकर) वर्दी की बांई जेब के ऊपर लगाया जाता है। यह सिलसिला 23 नवंबर 1952 से लगातार जारी है।पुलिस झंडा दिवस के मौके पर थानाध्यक्ष दिनेश कुमार यादव ने पुलिस कर्मियों को झंडा दिवस व उसके महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि झंडे का सम्मान करना हम सभी की ज़िम्मेदारी है। इस अवसर पर थानाध्यक्ष ने कहा कि 23 नवंबर का दिन पुलिस के लिए ऐतिहासिक है। यह ध्वज पुलिस के गौरवशाली अतीत का जीवंत प्रतीक है। वही अन्य पुलिस कर्मियों को झंडा दिवस के महत्व के संबंध में बताया। उन्होंने कहा कि पुलिस ध्वज से पुलिस कर्मियों में नई ऊर्जा का संचार होता है। विभाग के वीर जवानों के शौर्य, कर्तव्यपरायणता एवं उत्कृष्ट कर्तव्यनिष्ठा के फलस्वरूप देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने सबसे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस को ध्वज प्रदान किया था। उन्होंने बताया कि 23 नवंबर को हर साल सैनिक कल्याण के लिए झंडे के स्टीकर जारी किए जाते हैं।इस मौके पर थानाध्यक्ष दिनेश कुमार यादव ,सबइंस्पेक्टर माखन सिंह, प्रदीप सिंह, सनी थापा ,सौरव सिंह ,जितेंद्र सिंह ,रविंद्र प्रताप यादव ,गोपाल जी ,कांस्टेबल रविंद्र यादव ,बृजेंद्र यादव, अविनाश ,अवनीश, अमित ,आनंद तिवारी ,हरेंद्र यादव ,राजन कुमार , रामाशीष, रमेश यादव ,महिला कांस्टेबल सरिता यादव ,खुशबू सिंह, नेहा अवस्थी ,अंजुलि ,अंकिता भट्ट, रूबी तिवारी, रीना समेत सभी पुलिसकर्मी मौजूद रहे।
अजय कुमार
जिला ब्यूरो चीफ
आजमगढ