भाजपा खराब प्रदर्शन करने वाले विधायकों को टिकट नहीं देगी। परिवारवाद और आपराधिक छवि वालों से भी पार्टी परहेज करेगी। पार्टी की पहली प्राथमिकता ऐसे चेहरे हैं, जो सामाजिक समीकरण में फिट बैठने के साथ निष्ठावान और जिताऊ हों। प्रत्याशियों के नामों पर अंतिम मुहर पार्टी का संसदीय दल लगाएगा। इसे लेकर मंगलवार से दिल्ली में तीन दिनी मंथन होगा।
प्रदेश की ओर से प्रत्याशियों के नाम संसदीय बोर्ड को भेजने के लिए प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह को अधिकृत किया गया। इन तमाम बिंदुओं पर सोमवार को पार्टी की प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में बात हुई। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार डिजिटल प्रचार सहित चुनाव से जुड़े विभिन्न विषयों पर भी बैठक में चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश संगठन प्रभारी राधामोहन सिंह सहित समिति के अन्य सदस्यों की मौजूदगी में हुई बैठक में इस बात पर अधिक चर्चा हुई कि चुनाव कैसे लड़ा जाए। खासतौर से मतदाताओं तक पहुंचने को लेकर मंथन किया गया। डिजिटल प्रचार के तौर-तरीकों को और कैसे प्रभावी बनाया जाए ताकि लोगों को चुनावी रैलियों, सभाओं, रोड शो आदि की कमी महसूस न हो। मतदाताओं से सीधा जुड़ाव हो सके।
वहीं समिति के सदस्यों ने प्रत्याशी चयन को लेकर अपनी राय भी रखी। पार्टी सूत्रों की मानें तो मौजूदा विधायकों में से तकरीबन 20 फीसदी चेहरे बदले जा सकते हैं। मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय नेताओं की बैठक होगी। इसमें यूपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, संगठन प्रभारी राधामोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल भाग लेंगे। बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री और चुनाव समिति के सदस्य डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि चुनाव संचालन और उम्मीदवारों को लेकर बैठक में मंथन हुआ। पार्टी निष्ठावान, जनता में स्वीकार्यता वाले जिताऊ चेहरों को टिकट देगी। भाजपा में पहले और दूसरे चरण के प्रत्याशियों को लेकर मंथन का सिलसिला शुरू हुआ है। इन सीटों को लेकर अब दिल्ली में अगले तीन दिनों तक मेराथन मंथन होगा। उम्मीद की जा रही है कि 14 या 15 जनवरी को भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची जारी हो जाएगी। जो सीटें बचेंगी, उसके नाम भी 20 जनवरी से पहले घोषित होने की संभावना है। चुनाव समिति के सदस्य सांसद राजवीर सिंह राजू भैया ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि पहले और दूसरे चरण की लिस्ट 14-15 जनवरी को आ जाएगी। परिवारवाद, आपराधिक छवि वालों को टिकट नहीं मिलेगा। जिन लोगों ने परफार्म नहीं किया, ऐसे विधायकों का टिकट कट सकता है।
बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश संगठन प्रभारी राधामोहन सिंह, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डा. दिनेश शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, रमापति राम त्रिपाठी, कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक व सुरेश खन्ना, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बेबीरानी मौर्य व सांसद रेखा वर्मा, केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल, डा. संजीव बालियान, राष्ट्रीय मंत्री विनोद सोनकर, प्रदेश उपाध्यक्ष सलिल विश्नोई, प्रदेश महामंत्री अश्वनी त्यागी, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष गीता शाक्य, सह प्रभारी सुनील ओझा, वाई सत्या कुमार सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे। संक्रमित होने के चलते प्रदेश सह संगठन मंत्री कर्मवीर और सह प्रभारी संजीव चौरसिया बैठक में शामिल नहीं हुए।