21 मार्च 2024 यानी गुरुवार की शाम दो बड़ी हैपनिंग्स हुई। शाम 6.30 बजे चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट पर इलेक्टोरल बॉन्ड का पूरा डेटा सार्वजनिक किया। शाम 7 बजे ED की टीम दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल के आवास पहुंची और देर रात उन्हें दिल्ली शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार कर लिया।
इलेक्टोरल बॉन्ड के डेटा से पता लगा कि दिल्ली शराब घोटाले में एक अन्य आरोपी पी शरद चंद्र रेड्डी की कंपनी अरबिंदो फार्मा ने BJP को कुल 34 करोड़ से ज्यादा का चंदा दिया है। इसमें 5 करोड़ रुपए तो शरद की गिरफ्तारी के महज 5 दिन बाद दिया गया। शरद इस मामले में अप्रूवर यानी सरकारी गवाह बन गए हैं। इसका शुरुआती खुलासा न्यूज ऑर्गेनाइजेशन और स्वतंत्र पत्रकारों के ‘प्रोजेक्ट इलेक्टोरल बॉन्ड’ ने किया है।
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को शराब बिक्री से जुड़ी नई आबकारी नीति लागू की थी। इससे शराब दुकानें प्राइवेट हाथों में चली गईं। सरकार का दावा था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी।
जुलाई 2022 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने आबकारी नीति में आर्थिक गड़बड़ी को लेकर एक रिपोर्ट उपराज्यपाल वीके सक्सेना को सौंपी थी। मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल ने CBI जांच की मांग की। 17 अगस्त 2022 को CBI ने केस दर्ज किया।
इसमें मनीष सिसोदिया, 3 रिटायर्ड सरकारी अधिकारी, 9 बिजनेसमैन और 2 कंपनियों को आरोपी बनाया गया। इन्हीं 9 बिजनेसमैन में से एक अरबिंदो फार्मा कंपनी के डायरेक्टर पी शरद चंद्र रेड्डी भी थे।
15 मार्च 2024 को ED ने इसी आरोप में तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता को भी गिरफ्तार किया है। ED ने दिल्ली शराब घोटाले में शामिल इन दोनों को ‘साउथ ग्रुप’ का सदस्य कहा है। साउथ ग्रुप में इन दोनों के अलावा राघव मगुंटा और मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी के नाम भी शामिल हैं।
ED की चार्जशीट के मुताबिक, मगुंटा श्रीनिवासुलू ने 14 जुलाई 2023 को दिए अपने बयान में जांच एजेंसी को बताया, ‘मार्च 2021 में दिल्ली में शराब कारोबार के निजीकरण करने के ऐड को देखकर मैं अरविंद केजरीवाल से मिला था। मुझे उनके आफिस ने मार्च, 2021 में पार्लियामेंट सेशन के दौरान 16 मार्च शाम साढ़े 4 बजे मिलने का समय दिया था।’
चार्जशीट के मुताबिक अरविंद केजरीवाल ने उस वक्त मगुंटा को बताया, ‘तेलंगाना के चीफ मिनिस्टर चंद्र शेखर राव की बेटी के कविता भी दिल्ली में शराब कारोबार करने के लिए मुझे एप्रोच कर चुकी हैं। उन्होंने 100 करोड़ रुपये आम आदमी पार्टी में देने का ऑफर किया है। वो आपको इस लिकर बिजनेस के लिए कॉल करेंगी या आप उन्हें कॉल कर सकते हैं, क्योंकि उनकी टीम पहले से ही इस पर काम कर रही है।’
विवाद बढ़ता देख 28 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति रद्द कर दी। 22 अगस्त 2022 को ED ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया।
ED ने शरद रेड्डी पर दिल्ली शराब घोटाले में लाइसेंस प्रक्रिया के दौरान रिश्वत देने के आरोप लगाए। ED का कहना है कि साउथ ग्रुप दिल्ली में शराब कारोबार पर अपना ज्यादा से ज्यादा कंट्रोल चाहते थे। जांच एजेंसी का दावा है कि आम आदमी पार्टी ने साउथ ग्रुप से मिले चंदे के पैसे का इस्तेमाल गोवा चुनाव में किया था।
10 नवंबर 2022 को ED ने इस केस में अरबिंदो फार्मा के डायरेक्टर रेड्डी को गिरफ्तार किया। करीब 7 महीने बाद जून 2023 को शरद रेड्डी दिल्ली शराब घोटाले में सरकारी गवाह बन गए।
इलेक्टोरल बॉन्ड के डेटा से पता चला है कि 15 नवंबर 2022 यानी शरद रेड्डी की गिरफ्तारी से 5 दिन बाद उनकी कंपनी अरबिंदो फार्मा ने 5 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे। BJP ने इस बॉन्ड को 6 दिन बाद 21 नवंबर 2022 को इनकैश करा लिया।
करीब साल भर बाद नवंबर 2023 मे अरबिंदो फार्मा कंपनी ने दोबारा से 25 करोड़ के बॉन्ड खरीदे। कुछ दिनों बाद ही BJP ने इस बॉन्ड को कैश करवा लिया। यानी शरद रेड्डी की गिरफ्तारी के बाद उनकी कंपनी ने BJP को कुल 30 करोड़ रुपए का चंदा दिया। इस दौरान वो दिल्ली शराब घोटाले में सरकारी गवाह बन गए।
शरद रेड्डी की कंपनी अरबिंदो फार्मा ने 2019 से 2024 के बीच कुल 52 करोड़ रुपए के बॉन्ड खरीदे हैं। इनमें से 34.5 करोड़ रुपए से ज्यादा पैसा कंपनी ने अकेले BJP को दिया। इसके अलावा 15 करोड़ रुपए भारत राष्ट्र समिति और तेलगु देशम पार्टी को 2.5 करोड़ रुपए दिए हैं।
अरबिंदो फार्मा लिमिटेड हैदराबाद की दवा बनाने वाली कंपनी है। पी शरद चंद्र रेड्डी इस कंपनी के डायरेक्टर हैं। वो आंध्र प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन से भी जुड़े हैं।
शरद रेड्डी के भाई रोहित रेड्डी, वाईएसआर कांग्रेस से राज्यसभा सांसद वी विजयसाई रेड्डी के दामाद हैं। जगन मोहन रेड्डी के करीबियों में अरबिंदो फार्मा कंपनी का नाम आता है।
1986 में इस कंपनी की शुरुआत शरद के पिता पीवी राम प्रसाद रेड्डी ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर की थी। 3 साल बाद 1989 में इस कंपनी ने अपनी पहली यूनिट हैदराबाद के बाहर पुडुचेरी में लगाया था।
अरबिंदो फार्मा का शुमार भारत की टॉप फार्मा कंपनियों में है। ये 150 देशों में अपने प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट करती है। बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार इस कंपनी का 90% रेवेन्यू इंटरनेशनल मार्केट से आता है।
वित्तीय वर्ष 2023 की पहली तिमाही में इस कंपनी की सेल 6,176 करोड़ रुपए रही है। हालांकि इस दौरान कंपनी का प्रॉफिट गिरा है।
2021-22 में ये 778 करोड़ रुपए के करीब हुआ करता था जो घटकर 524 करोड़ के करीब रह गया। यानी कंपनी के प्रॉफिट में 32% की गिरावट दर्ज की गई है।2012 में पहली बार अरबिंदो फार्मा कंपनी विवादों में आया, जब CBI ने आंध्र प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया था। इस केस में CBI ने जगन रेड्डी के अलावा 12 और लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी।
इन 12 लोगों में एक नाम अरबिंदो फार्मा कंपनी के डायरेक्टर शरद रेड्डी का भी था। CBI के मुताबिक YSR रेड्डी की सरकार ने अरबिंदो फार्मा को फायदा पहुंचाने के लिए उन्हें बहुत ही कम दाम पर जमीन आवंटित की थी। इसके बदले अरबिंदो फार्मा कंपनी ने जगन मोहन रेड्डी की कंपनी जगाती पब्लिकेशन प्राइवेट लिमिटेड में पैसा इंवेस्ट किया था।
CBI ने कहा था कि इस डील के जरिए जडचर्ला स्पेशल इकोनॉमिक जोन में 75 एकड़ जमीन बाजार से सस्ते कीमत पर अरबिंदो फार्मा को दी गई थी। इस मामले में शरद चंद्र रेड्डी को IPC की धारा 120-B, आपराधिक षडयंत्र रचना और धारा 420, धोखाधड़ी के तहत आरोपी बनाया गया था। अब भी ये मामला CBI स्पेशल कोर्ट में चल रहा है।
केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई के बाद चंदा देने वाली कंपनियों की लिस्ट में अरबिंदो फार्मा एकलौती कंपनी नहीं है। बॉन्ड के जरिए सबसे ज्यादा राजनीतिक चंदा देने वाली 30 कंपनियों में 14 ऐसी हैं , जिन पर केंद्रीय या राज्य एजेंसियों की कार्रवाई हुई है। चुनाव आयोग के जरिए साझा किए गए कंपनियों की लिस्ट में 30 कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने छापेमारी के ठीक बाद चंदा दिया।