इजराइली सेना ने रविवार को लेबनान में आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के कई ठिकानों पर हमले किए। इसमें अब तक दो आतंकियों के मारे जाने की खबर है। हालांकि, इस आतंकी संगठन को आर्थिक तौर पर जबरदस्त नुकसान हुआ है।
दूसरी तरफ, हमास ने पहली बार 7 अक्टूबर को इजराइल में किए गए हमलों पर बयान जारी किया। इसमें कहा गया है कि यह गाजा के खिलाफ इजराइली साजिशों का जवाब थे, लेकिन इस दौरान कुछ गलतियां भी हुईं।
रविवार दोपहर इजराइली एयरफोर्स ने लेबनान में आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के कई ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें दो आतंकियों के मारे जाने की खबर है। हालांकि, इजराइली सेना ने हिजबुल्लाह के कई ठिकानों और रॉकेट लॉन्चर्स पैड्स को तबाह कर दिया। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि हिजबुल्लाह को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है।
इजराइली सेना ने अब तक इस बारे में ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी नहीं किया है। यह हमला हिजबुल्लाह के गढ़ कहे जाने वाले बिंत जेबिल इलाके में किया गया। हालांकि, हमले के दौरान इस आतंकी संगठन के ज्यादातर कमांडर और आतंकी भागने में कामयाब बताए गए हैं।
इजराइल और हमास के बीच 7 अक्टूबर 2023 से जंग जारी है। ये वही दिन था, जब हमास के आतंकियों ने इजराइल में घुसकर हमले किए थे और इसमें 1200 इजराइली नागरिक मारे गए थे। 234 लोगों को किडनैप किया गया था। इनमें से 130 अब भी हमास की कैद में हैं।
हमास ने पहली बार इस हमले पर बयान दिया है। 16 पेज के इस बयान के मुताबिक- इजराइल गाजा और फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ कई साल से साजिश रच रहा है और 7 अक्टूबर को पहली बार इसका जवाब दिया गया।
बयान में आगे कहा गया- ऑपरेशन अल अक्सा फ्लड के दौरान हंगामा हुआ और इसकी वजह से कुछ गलतियां भी हुईं। इजराइली सेना भी परेशान हो गई थी। हम अपना टारगेट हासिल नहीं कर पाए। इजराइल के पास अब भी वक्त है कि वो सीजफायर के लिए तैयार हो जाए। हम तब तक जंग जारी रखेंगे।
अंग्रेजी और अरबी में जारी बयान में हमास ने कहा- इजराइल के खिलाफ एक्शन जरूरी था, क्योंकि उसने फिलिस्तीन के इलाकों पर कब्जा कर रखा है। इजराइल को गाजा में कार्रवाई फौरन बंद करनी चाहिए। वहां नरसंहार किया जा रहा है। गाजा के फ्यूचर के बारे में इजराइल या दुनिया की दूसरी ताकतें फैसला नहीं कर सकतीं। फिलिस्तीन के लोग खुद अपने फ्यूचर के बारे में फैसला करेंगे।
अमेरिका, कतर, इजिप्ट और तुर्किये एक सीक्रेट डिप्लोमैटिक मिशन में जुटे हैं। इसका मकसद ये है कि गाजा में जल्द से जल्द सीजफायर कराया जाए। हालांकि, इस सीक्रेट बातचीत की ज्यादातर प्रस्ताव इजराइल ने खारिज कर दिए हैं और इसकी वजह से ही बंधकों की रिहाई का मामला अटक रहा है।
अमेरिकी अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ की एक अलग रिपोर्ट में कहा गया- इजराइल दो बातों पर तैयार नहीं है। पहली- वो बंधकों के बदले फिलिस्तीनी नागरिकों को रिहा तो कर सकता है, लेकिन सीजफायर करने को तैयार नहीं है। दूसरी- फिलिस्तीन को अलग राष्ट्र बनाने के मुद्दे पर इजराइली सरकार बिल्कुल तैयार नहीं है। यही वजह है कि अब तक यह मामला अटक रहा है।