यूपी की 10 राज्यसभा सीटों पर होने वाले चुनाव में BJP की तरफ से 8वां उम्मीदवार संजय सेठ हैं। अचानक हुए नामांकन के बाद अब राज्यसभा सदस्य का चुनाव दिलचस्प हो चला है। गुरुवार को उन्होंने नामांकन के साथ शपथपत्र दाखिल किया। रियल स्टेट कंपनी शालीमार ग्रुप में पार्टनर संजय सेठ करीब 182.75 करोड़ की संपत्ति रखते हैं।
संजय सेठ के नामांकन के वक्त डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, जितिन प्रसाद, सुरेश खन्ना, भूपेंद्र चौधरी, आशीष पटेल, संजय निषाद समेत वरिष्ठ नेता मौजूद रहे
दरअसल, एक वक्त पर संजय सेठ सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के काफी करीबी माने जाते हैं। 2019 लोकसभा चुनाव से पहले सपा और बसपा के बीच गठबंधन के पीछे भी संजय सेठ का ही हाथ था। संजय सेठ ने ही अखिलेश और मायावती के बीच बैठक कराई थी, जिसके बाद गठबंधन का ऐलान हुआ था।
संजय सेठ मुलायम के छोटे बेटे प्रतीक के खास दोस्तों में से भी एक हैं। 55 साल के संजय सेठ यूपी के बड़े रियल एस्टेट कारोबारी में से एक हैं। शालीमार ग्रुप की ओनरशिप रखते हैं। उन्नाव के निवासी संजय सेठ लखनऊ यूनिवर्सिटी से कॉमर्स ग्रेजुएट हैं। संजय ने रियल एस्टेट मार्केट में अपने कदम 1985 में रखा। उन्होंने एसएएस होटल्स एंड प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी शुरू की थी। इसी का बाद में नाम बदल कर शालीमार ग्रुप करा गया। शालीमार ग्रुप उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े बिल्डर ग्रुप्स में से एक है।
भाजपा से 7 ने किया नामांकन: बीजेपी के 7 कैंडिडेट्स ने बुधवार को नामांकन किया। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह, पूर्व सांसद चौधरी तेजवीर सिंह, प्रदेश पार्टी महासचिव अमरपाल मौर्य, पूर्व राज्य मंत्री संगीता बलवंत, पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, पूर्व विधायक साधना सिंह और आगरा के पूर्व मेयर नवीन जैन शामिल हैं।
सपा के 3 प्रत्याशियों ने किया नामांकन: समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा के लिए अपने 3 प्रत्याशी उतार दिए। मंगलवार को जया बच्चन, रामजी लाल सुमन और रिटायर्ड IAS आलोक रंजन ने राज्यसभा के लिए पर्चा भरा।
राज्यसभा में न्यूनतम वोट तय करने का जो फॉर्मूला है उसके अनुसार कुल विधायकों की संख्या में कुल खाली सीटों की संख्या से 1 जोड़कर भाग दिया जाता है। जो परिणाम आता है, उसमें 1 जोड़कर न्यूनतम कोरम तय किया जाता है। यूपी विधानसभा में कुल 403 सीटें हैं। इसमें 3 सीटें विधायकों के निधन और 1 सीट विधायक के अयोग्य घोषित होने के कारण खाली है। ऐसे में मौजूदा समय में 399 सीट है। वहीं, 3 सदस्य जेल में हैं। ऐसे में विधायकों की संख्या 396 हो जाती है। राज्यसभा की खाली सीट 10 में एक जोड़कर 11 से भाग देने और एक जोड़ने के बाद 36 वोट आ रहे हैं।
संजय सेठ को जीतने के लिए 15 अतिरिक्त वोट चाहिए। बीजेपी और समर्थक दलों के पास 20 से 22 विधायक हैं। ऐसे में राजभर और RLD आरएलडी की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। कांग्रेस के 2, BSP का 1 MLA भी महत्वपूर्ण रोल में है। रघुराज प्रताप के जनसत्ता दल के पास भी 2 वोट हैं। संजय सेठ को इन वोटों के लिए दम लगाना होगा।
बीजेपी के अगर 8 उम्मीदवारों को 36 वोट के हिसाब से गुणा करें तो उसके 288 आती है। जबकि बीजेपी के पास 289 सदस्य हैं। वहीं, अगर सपा की बात करें तो उनके पास 107 सदस्य हैं। उसमें भी पल्लवी पटेल ने वोट न देने की बात कही है। ऐसे में विधायकों की संख्या घटकर 106 हो जाएगी।
जबकि उन्हें 3 राज्यसभा सदस्य जिताने के लिए 108 वोटों की जरूरत होगी। इस तरह सपा के 2 वोट कम नजर आ रहे हैं। इसके अलावा चर्चा है कि कुछ विधायक भी बीजेपी के संपर्क में हैं। वहीं, अगर दूसरी वरीयता की बात करें तो बीजेपी सेकेंड प्रिफरेंस में अपने 8वें कैंडिडेट को 288 वोट दिला देगी तो जबकि सपा के तीसरे उम्मीदवार को अधिकतम 107 वोट ही मिल पाएंगे। इस लिहाज से बीजेपी के 8वें उम्मीदवार की बढ़त सेकेंड प्रिफरेंस में साफ नजर आ रही है।
NDA के पास कुल (भाजपा : 252, अपना दल (एस) : 13, निषाद पार्टी : 6, सुभासपा : 6) 277 विधायक हैं। इनमें सुभासपा के एक विधायक अब्बास अंसारी जेल में हैं। भाजपा को उनका वोट मिलने की संभावना वैसे भी नहीं है। तब भी संख्या 276 होती है। इसके अलावा जनसत्ता दल के दोनों विधायक भी भाजपा के पाले में हैं। लिहाजा, भाजपा के पास आसानी से 278 वोट हो रहे हैं। इससे उसकी 7 सीटें जीतना तय है।वहीं RLD के भी 9 विधायक बीजेपी के ही साथ को तैयार हैं।
विपक्ष के लिहाज से देखें तो सपा के पास इस समय 108 विधायक हैं। रालोद के 9 विधायक हैं। कांग्रेस भी गठबंधन का हिस्सा बनने में लगी है। इसलिए, उसके भी 2 वोट सपा के खाते में ही आने के आसार हैं। इस तरह से सपा गठबंधन के पास कुल 110 वोट हैं।