उत्तर प्रदेश के आगरा में मौसम बदलने और प्रदूषण से दमा, सांस और टीबी रोगियों की परेशानी बढ़ा दी है। उनको सांस लेने में परेशानी हो रही है। सांस फूल रही है। दवाएं बंद करने वाले मरीजों की हालत ज्यादा खराब है। इनको भर्ती कर ऑक्सीजन दी जा रही है। एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी और विभाग में रोजाना 15-20 मरीज भर्ती हो रहे हैं।
वक्ष एवं क्षय रोग के विभागाध्यक्ष डॉ. जीवी सिंह ने बताया कि 15-20 दिन से मौसम में बदलाव हुआ। धूप के बाद बारिश, ओले के बाद सर्दी बढ़ गई। हवा में धूल-धुआं के कण भी हैं। दमा और सांस रोगियों की नलिकाओं में पहुंचकर ये संक्रमण कर रहे हैं। इस मर्ज के पुराने मरीज हैं, जिन्होंने दवाएं बंद कर दी थीं। सांस लेने में परेशानी हो रही है। इमरजेंसी में हालत बिगड़ने पर भर्ती होने आ रहे हैं। इनमें से 8-10 को ऑक्सीजन देनी पड़ रही है।
वक्ष एवं क्षय रोग विभाग के डॉ. संतोष कुमार का कहना है कि टीबी के मरीजों में बुखार, तेज खांसी की दिक्कत मिली। लगातार खांसने से हालत खराब हुई, रक्त भी आने लगा। विभाग और इमरजेंसी में 6-8 मरीज भर्ती रोज हो रहे हैं। जरूरत पर मरीजों को स्टेरायड भी दिया जा रहा है।
बच्चों को बुखार, निमोनिया में चल रही पसली
एसएन के बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. नीरज यादव का कहना है कि बारिश-ओले से पारा फिर गिर गया है। इसमें बच्चों को वायरल बुखार, निमोनिया के मामले अधिक हैं। इमरजेंसी में भी 6-8 बच्चे भर्ती हुए हैं। इनमें 2-3 की पसली चल रही है। आइसक्रीम और कोल्डड्रिंक्स पीने से गले में खराश, दर्द की शिकायत भी मिली। बच्चों को सर्दी से बचाने, ठंडी सामग्री खिलाने-पिलाने से बचाने को भी जागरूक कर रहे हैं।