दिल्ली पुलिस ने शांति भंग करने और लोगों को भड़काने वाले संदेश पोस्ट करने के आरोप में एआईएमआईएम प्रमुख (AIMIM chief) असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज की हैं। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को कहा कि सोशल मीडिया पर जारी बयानों का अध्ययन करने के बाद उक्त प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई पर असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया है।
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा- मुझे प्राथमिकी का एक अंश मिला है। यह पहली प्राथमिकी है जो मैंने देखी है। इसमें यह स्पष्ट नहीं है कि मेरा अपराध क्या है… एक हत्या के बारे में ऐसी प्राथमिकी की कल्पना करें जहां पुलिस हथियार का उल्लेख नहीं करती है। मुझे नहीं पता कि मेरी किस विशिष्ट टिप्पणी ने उन्हें ऐसा करने के लिए विवश किया है।
ओवैसी ने कहा कि इस कार्रवाई से हम भयभीत नहीं होंगे। अभद्र भाषा की आलोचना करने और अभद्र भाषा बोलने की तुलना नहीं की जा सकती है। ऐसा लगता है कि दिल्ली पुलिस में यती नरसिंहानंद, नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल आदि के खिलाफ मामलों को आगे बढ़ाने का साहस नहीं है। यती नरसिंहानंद ने इस्लाम का अपमान करके अपनी जमानत की शर्तों का बार-बार उल्लंघन किया है।
ओवैसी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि यती, नूपुर, नवीन आदि कानूनी कार्रवाइयों का कोई नतीजा नहीं निकलने के कारण अभ्यस्त हो गए हैं। अब कमजोर कार्रवाई तब की गई है जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा हुई है। एक पक्ष ने खुले तौर पर पैगंबर का अपमान किया है, जबकि दूसरे पक्ष पर कार्रवाई भाजपा समर्थकों को समझाने और ऐसा दिखाने के लिए की गई है कि दोनों पक्षों की ओर से अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया।
इसके साथ ही ओवैसी ने दिल्ली पुलिस पर निशाना साधते हुए उसे ‘बैलेंस वाद’ सिंड्रोम से पीड़ित बताया। जहां तक मेरे खिलाफ प्राथमिक दर्ज होने की बात है तो हम अपने वकील से इस बारे में सलाह लेंगे और जरूरत पड़ने पर कानूनी समाधान तलाशेंगे।
वहीं दूसरी ओर एआईएमआईएम के समर्थकों ने गुरुवार को यहां संसद मार्ग पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। अधिकारियों ने बताया कि एआईएमआईएम समर्थक संसद मार्ग पुलिस थाने के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। दो से तीन महिलाओं समेत करीब 25 को हिरासत में लिया गया है।
मालूम हो कि दिल्ली पुलिस की ओर से भाजपा के पूर्व प्रवक्ताओं नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल के साथ ही विवादित संत यती नरसिंहानंद और अन्य के खिलाफ भी प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। इन सभी पर आरोप हैं कि इन्होंने सोशल मीडिया पर शांति भंग करने और लोगों को भड़काने वाले संदेश कथित तौर पर पोस्ट और साझा किए। ये मामले भारतीय दंड संहिता की धारा-153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 295 (प्रार्थना स्थलों का अपमान करना) और 505 (विवादित बयान देना) के तहत दर्ज किए गए हैं।
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने ट्वीट कर कहा कि हमने शांति भंग करने और लोगों को उकसाने की कोशिश करने के खिलाफ विभिन्न धाराओं में दो प्राथमिकियां दर्ज की हैं। एक प्राथमिकी नुपुर शर्मा के खिलाफ दर्ज की गई है जबकि दूसरी सोशल मीडिया संस्थाओं के खिलाफ दर्ज की गई है। यही नहीं विस्तृत जानकारियां हासिल करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को भी नोटिस भेजे जाएंगे।