पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सियासी सरगर्मियां तेज हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर हमला करते वक्त मंगलवार को असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को भाजपा का बी टीम बताया था और कहा था कि बीजेपी एआईएमआईएम को पैसे देकर अल्पसंख्यक वोट बंटवा रही है। जिस पर असदुद्दीन ओवैसी ने ममता बनर्जी को करारा जवाब दिया है। ओवैसी ने कहा कि है कि ऐसा कभी कोई पैदा नहीं हुआ, जो असदुद्दीन ओवैसी को पैसे से खरीद सके। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को अपने घर की चिंता करनी चाहिए।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ओवैसी ने कहा, ‘कभी कोई ऐसा आदमी पैदा नहीं हुआ, जो पैसों से असदुद्दीन ओवैसी को खरीद सके। उनका आरोप बेबुनियाद है और वह बेचैन हैं। उन्हें अपने घर की चिंता करनी चाहिए, यही वजह है कि उनके कई लोग भाजपा में जा रहे हैं। उन्होंने बिहार के मतदाताओं और हमारे लिए वोट करने वाले लोगों का अपमान किया है।’
दरअसल, ममता बनर्जी ने मंगलवार को भाजपा पर आरोप लगाया था कि वह असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को बंगाल में लाने का प्रयास कर रही है ताकि सांप्रदायिक धुव्रीकरण बढ़ाया जा सके और हिंदू-मुस्लिम वोट उनके बीच बंट जाएं। ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने बिहार विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद घोषणा कि थी की वह अगले साल होने वाले बंगाल चुनाव में भी उतरेगी। बिहार चुनाव में एआईएमआईएम ने पश्चिम बंगाल की सीमा से लगे मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र में पांच सीटें जीती थीं।
ममता बनर्जी ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘मुस्लिम मतों को विभाजित करने के उद्देश्य से हैदराबाद की एक पार्टी को यहां लाने की खातिर भाजपा करोड़ों रूपये खर्च कर रही है। योजना है कि हिंदू मत भाजपा के पाले में चले जाएंगे और मुस्लिम मत हैदराबाद की इस पार्टी को मिल जाएंगे।’ उन्होंने कहा, ”हाल में हुए बिहार चुनाव में भी उन्होंने यही किया था। यह पार्टी भाजपा की बी-टीम है। पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए अगले वर्ष अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं।
अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक
-क्यों न्यूज़ मीडिया संकट में है और कैसे आप इसे संभाल सकते हैं
-आप ये इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि आप अच्छी, समझदार और निष्पक्ष पत्रकारिता की कद्र करते हैं. इस विश्वास के लिए हमारा शुक्रिया.
-आप ये भी जानते हैं कि न्यूज़ मीडिया के सामने एक अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है. आप मीडिया में भारी सैलेरी कट और छटनी की खबरों से भी वाकिफ होंगे. मीडिया के चरमराने के पीछे कई कारण हैं. पर एक बड़ा कारण ये है कि अच्छे पाठक बढ़िया पत्रकारिता की ठीक कीमत नहीं समझ रहे हैं.
-द दस्तक 24 अच्छे पत्रकारों में विश्वास करता है. उनकी मेहनत का सही मान भी रखता है. और आपने देखा होगा कि हम अपने पत्रकारों को कहानी तक पहुंचाने में जितना बन पड़े खर्च करने से नहीं हिचकते. इस सब पर बड़ा खर्च आता है. हमारे लिए इस अच्छी क्वॉलिटी की पत्रकारिता को जारी रखने का एक ही ज़रिया है– आप जैसे प्रबुद्ध पाठक इसे पढ़ने के लिए थोड़ा सा दिल खोलें और मामूली सा बटुआ भी.
अगर आपको लगता है कि एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं तो नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें . आपका प्यार द दस्तक 24 के भविष्य को तय करेगा.
https://www.youtube.com/channel/UC4xxebvaN1ctk4KYJQVUL8g
आदर्श कुमार
संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ