पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि भारत उनके देश में घुस कर हत्याओं को अंजाम दे रहा है। ब्रिटिश मीडिया डेली टेलीग्राफ के लिए लिखे एक आर्टिकल में खान ने कहा, “पाकिस्तान इस वक्त उसी रास्ते पर चल रहा है, जो उसने 1971 में अपनाया था। तब पाकिस्तान ने बांग्लादेश खो दिया था।”
इमरान ने आगे कहा, “बलूचिस्तान में आतंकवाद की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों को गायब कर दिया जा रहा है। अफगानिस्तान के साथ हमारी सीमाओं पर भी तनाव बना हुआ है।”
इमरान ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान की फौज उनके खिलाफ जो कुछ भी कर सकती थी, वो किया जा चुका है। अब उनके पास इमरान को मारने के अलावा और कुछ नहीं बचा है। खान ने कहा, “मैं मौत से नहीं डरता हूं क्योंकि मेरे विश्वास में बहुत ताकत है। मैं गुलाम की तरह जीवन बिताने की बजाए मरना पसंद करूंगा।”
पूर्व पाकिस्तानी PM ने कहा, “फौज अमेरिका को सैन्य इस्तेमाल के लिए देश का एयरस्पेस और दूसरी सुविधाएं देती है। इसके बदले वे US से बिना शर्त समर्थन की उम्मीद रखती है। हालांकि, उनकी अमेरिका ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। उनके विदेश विभाग की ह्यूमन राइट्स की रिपोर्ट इसका ताजा सबूत है। अमेरिका ने इस रिपोर्ट में दावा किया है कि पाकिस्तान में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।”
खान ने कहा कि पाकिस्तान अब IMF से मदद की उम्मीद लगाए बैठा है। लेकिन इससे देश में स्थिरता नहीं आएगी। पाकिस्तान को संकट से तभी निकाला जा सकता है जब चुनाव में जनता के असल फैसले को लागू किया जाए। देश की जेलों में बंद राजनीतिक कैदियों को रिहा करके संविधान को बहाल किया जाए।
आर्टिकल में पाकिस्तान के पूर्व PM ने लिखा, “पाकिस्तान आज खतरनाक रास्ते पर आ पहुंचा है। जनता ने चुनाव के दौरान हुई साजिश, प्रताड़ना और राजनीतिक कैदियों पर हो रहे अत्याचारों को मानने से इनकार कर दिया है। फौज की आलोचना हो रही है और सरकार का मजाक उड़ाया जा रहा है। जजों को फौज के हिसाब से फैसला लेने के लिए धमकाया जा रहा है। उनके परिजनों को परेशान किया जा रहा है।”
बता दें कि पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव हुए थे। इसमें इमरान की पार्टी PTI के समर्थन वाले निर्दलियों को बहुमत मिला था। ये सभी बाद में सुन्नी इत्तिहाद काउंसिल (SIC) पार्टी में शामिल हो गए थे। इमरान खान ने सरकार बनाने के लिए नवाज और भुट्टो की पार्टी के साथ गठबंधन करने से इनकार कर दिया था।
इसके बाद नवाज शरीफ और बिलावल की पार्टी ने मिलकर सरकार बनाई। शहबाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने, जबकि समझौते के तहत बिलावल के पिता आसिफ अली जरदारी को राष्ट्रपति बनाया गया। इसके अलावा नेशनल असेंबली के स्पीकर पद के लिए भी बिलावल की पार्टी के नेता को चुना गया।
इमरान खान पिछले साल अगस्त से पाकिस्तान की अदियाला जेल में बंद है। तब उन्हें तोशाखाना मामले में 3 साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद मई में हुई हिंसा, गैरकानूनी निकाह और तोशाखाना से जुड़े एक और मामले में उन्हें कुल 31 साल की सजा सुनाई गई। इमरान खान और उनकी पार्टी के नेता बार-बार 2022 में इमरान की सरकार गिराने के लिए फौज को जिम्मेदार ठहराते आए हैं।