नगर निगम सफाई औेर कूड़ा प्रबंधन में फेल हो गया है। गार्बेज फ्री सिटी (जीएफसी) में शहर को महज 3 स्टार रेटिंग ही मिला है। जबकि स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के लिए 7 स्टार रेटिंग के लिए अप्लाई किया गया था। यह रेटिंग बताती है कि नगर निगम की स्थिति सफाई को लेकर ठीक नहीं है।
हालांकि दूसरी तरफ खुले में शौच करने के मामले में नगर निगम ने प्लस प्लस के साथ 5 स्टार रेटिंग पाई है। इससे स्थिति संतोषजनक रहेगी। बताया जा रहा है कि 11 जनवरी को फाइनल रैंकिग मिलेगी।
बताया जा रहा है कि इस रैकिंग में लखनऊ नगर निगम की स्थिति काफी खराब आ सकती है। पिछले तीन साल से ऐसे में भी लखनऊ नगर निगम सफाई और अन्य मानक पर कुछ बेहतर नहीं कर पाया है। ऐसे में एक समय देश में 11 नंबर पर रहने वाला शहर 17वें पायदान पर पहुंच गया है।
उम्मीद है कि इस बार रैकिंग 50 से ऊपर जा सकती है। हालांकि इस मामले पर अभी नगर निगम का कोई भी अधिकारी कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। लखनऊ नगर निगम की सीमा में मौजूदा समय करीब 35 लाख से ज्यादा लोग रहते है। इसमें 7 लाख से ज्यादा परिवार है। पिछले दो साल से नगर निगम की सीमा में 88 गांव शामिल हो गए है। लेकिन अभी भी इन गांवों में कूड़ा निस्तारण की कोई स्थायी व्यवस्था नहीं है।
स्वच्छ सर्वेक्षण सर्वे की रेटिंग के लिए नगर निगम ने ओडीएफ और जीएफसी के लिए आवेदन किया था। सर्वेक्षण टीम ने ओडीएफ के मानकों पर दूसरे शहरों के मुकाबले बेहतर पाया है। पिछले साल ओडीएफ में शहर को 3 स्टार रेटिंग मिली थी। लेकिन इस बार 3 स्टार के साथ-साथ प्लस प्लस रेटिंग में पहुंच गई। ओडीएफ प्लस लाने के लिए सख्ती के साथ ही सामुदायिक शौचालय, प्राथमिक विद्यालयों व आंगनबाड़ी केन्द्रों में लड़के-लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था को बेहतर किया गया है।